“गणतंत्र ही स्वतंत्रता का मर्म है” पर गोष्ठी सम्पन्न

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डॉ अजय ओझा।

शासन की व्यवस्था प्रणाली ही गणतंत्र है -आर्य रविदेव गुप्ता।

मतदान पवित्र अधिकार है सभी को इसका प्रयोग श्रद्धा पूर्वक करना चाहिए- अनिल आर्य।

नई दिल्ली, 27 जनवरी केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में “गणतंत्र ही स्वतंत्रता का मर्म है” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 344 वां वेबिनार था।

वैदिक विद्वान आर्य रविदेव गुप्ता ने कहा कि कोई भी देश तभी गणतंत्र कहा जा सकता है जब उसका अपना संविधान लागू हो यानी अपनी व्यवस्था प्रणाली।राजतंत्र में एक ही राजा का निरकुंश शासन होता है परंतु स्वतंत्र देश मे संविधान द्वारा शासन चलाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को भारत का अपना संविधान लागू किया गया इसलिए इसे गणतंत्र दिवस के रूप मे मनाया जाता है।संविधान में नागरिकों को 6 मूलभूत अधिकार दिए गए साथ ही 6 मूलभूत कर्तव्य घोषित कर चुनाव प्रणाली विकसित की गई जिससे नागरिकों के मतदान से ही सरकारें बनती हैं।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि एक आदर्श नागरिक का कर्तव्य है कि अधिकार के साथ साथ कर्तव्यों के पालन में भी अग्रसर हो।मतदान पवित्र अधिकार है सभी को इसका प्रयोग श्रद्धा पूर्वक करना चाहिए।

मुख्य अतिथि डॉ. विनोद शर्मा (संपादक,चंडी भूमि) ने अधिकार व कर्तव्यों की सुंदर व्याख्या करते हुए कहा कि दोनों साथ साथ चलते हैं।अध्यक्ष श्री कृष्ण निर्मल (पूर्व शिक्षा अधिकारी) ने भी राष्ट्र व समाज के प्रति कर्तव्य पालन पर जोर दिया।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि हमे चरित्रवान,देश भक्त, ईमानदार लोगों को चुनना चाहिए जैसा बोयेंगे वैसा ही तो काटेंगे।

गायक रविन्द्र गुप्ता,नरेंद्र आर्य सुमन,प्रवीना ठक्कर,रजनी गर्ग, रचना वर्मा,रजनी चुघ,चंद्रकांता आर्या,रीता जयहिंद, रेणु घई, कुसुम भंडारी,ईश्वर देवी आदि के मधुर भजन हुए ।

आर्य नेता जगदीश मलिक, आंनद प्रकाश आर्य,अनिता रेलन, राजेश मेहंदीरत्ता आदि ने भी अपने विचार रखे।


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