मध्य प्रदेश न्यूज़ : ज्योतिरादित्य के बढ़ते कद से सशंकित दिग्गज

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देवदत्त दुबे।

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी, इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस्पात जैसे बड़े मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार, जैसी राजनीतिक घटनाओं को जोड़कर देखा जा रहा है। इन्हें भाजपा के कई दिग्गजों के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। मान्यता थी कि भाजपा नेतृत्व बाहर से आए नेताओं को मुख्यमंत्री जैसी महत्वपूर्ण जवाबदारी नहीं देता। पहले असम में कांग्रेस से आए हेमंत बिसवा,  इसके बाद महाराष्ट्र में शिवसेना से  अलग होने वाले एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने से यह धारणा बेमानी हो गई है। अब नजर मध्यप्रदेश पर है। कांग्रेस छोड़कर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र में पहले नागरिक उड्डयन विभाग दिया गया था, अब इस्पात जैसे बड़े मंत्रालय की जवाबदारी भी दे दी गई। कयास लगने लगे कि क्या सिंधिया ने भाजपा नेतृत्व का भरोसा जीतने में कामयाबी हासिल कर ली? वर्ना एक से ज्यादा विभाग संभाल चुके नरेंद्र सिंह तोमर को अतिरिक्त प्रभार क्यों नहीं मिला? प्रहलाद पटेल से स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री का ओहदा छीन लिया गया था, उन पर भरोसा क्यों नहीं किया गया? सिंधिया के बढ़ते कद से भाजपा के कई अन्य दिग्गज भी सशंकित हैं। उनकी नींद उड़ी हुई है। इसे लेकर कयासों का दौर जारी है।


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