उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 क्या है ?

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लखनऊ । मुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 को मंजूरी मिल गई है। नए अध्यादेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग से संबंधित सभी कर्मी, पुलिस, स्वच्छता और सरकार द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वारियर्स के साथ दुर्व्यवहार या उनपर हमला करने वालों को कठोर दंड देने का कानून है। इस अध्यादेश में सभी अपराध को गैर जमानती बनाया गया है।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि अध्यादेश के अनुसार अगर कोई कोरोना मरीज जानबूझ कर स्वयं को छिपाता है तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है और 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए 1 वर्ष से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि अध्यादेश के अनुसार आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत एक से तीन साल की सजा और 10 हजार से लेकर एक लाख तक जुर्माना भी होगा। चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिस कर्मियों एवं किसी भी कोरोना वारियर्स के काम में बाधा डालने और हमला करने पर कम से कम तीन माह और अधिकतम 5 साल तक की सजा के साथ ही 50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना होगा। गंभीर हमला करने पर 6 महीने से 7 साल की सजा और एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक जुर्माना होगा।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि अध्यादेश के अनुसार प्रदेश में दो समितियां बनेंगी। पहली राज्य स्तर पर जबकि दूसरी जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण समिति बनेगी। राज्य स्तर की समिति का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे और स्वास्थ्य मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। जबकि मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। इसके अलावा जिला स्तर की समिति का अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे और मुख्य विकास अधिकारी को सदस्य संयोजक बनाया गया है।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया इस नए अध्यादेश के अनुसार अगर कोई मरीज जानबूझ कर किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है और उस व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उक्त मरीज को सात साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही 3 लाख से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना भी होगा। उन्होंने बताया कि 5 या 5 से अधिक लोगों को संक्रमित करने पर 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा और 3 लाख से लेकर 5 लाख तक का आर्थिक दंड का प्रावधान है।


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