“सत्ता पाने के लिए झामुमो, राजद और काँग्रेस ने पिछड़ों को धोखा दिया।”

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 डॉ अजय ओझा।
डॉ अजय ओझा।

राज्य के पिछड़ों को 27% आरक्षण सुनिश्चित करे राज्य सरकार : संजय पोद्दार।

झारखंड प्रदेश वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश सचिव संजय पोद्दार ने पिछड़ों को 27% आरक्षण देने की मांग कीl सत्ता पाने के लिए ताबड़तोड़ घोषणाएं करने वाली झामुमो, कांग्रेस और राजद की सरकार अब अपने वादे से मुकर रही है। चुनावी घोषणा पत्र में जिन मुद्दों को लेकर तीनों दलों ने घोषणाएँ की, जनता के साथ वादा किया। अब उन वादों और मुद्दों पर यह सरकार पीछे हट रही है। इसमें प्रमुख मुद्दा पिछड़ों के आरक्षण को लेकर भी था। ओबीसी को आरक्षण देने की बात तीनों ही दलों ने अपने अपने घोषणापत्र में की थी। अब जब इनकी सरकार को 2 साल होने को है, उन्होंने उस पर अमल करना तो दूर, चर्चा भी जरूरी नहीं समझते। पिछड़ों के नाम पर राजनीति करने वाली कांग्रेस ने देश में सबसे अधिक पिछड़ों को ही धोखा दिया है। कांग्रेस सिर्फ अखबारों की सुर्खियों में बने रहने के लिए आरक्षण की बात करती है इनके वित्त मंत्री ने कहा था की ओबीसी को 27 परसेंट आरक्षण देने के लिए पिछले सत्र में यह विधानसभा में इस बात को लेकर आएंगे परंतु वह सिर्फ अखबार की सुर्खियां ही बनकर रह गई क्योंकि इनके नियत मैं खोट है केंद्र सरकार ने 27 फ़ीसदी ओबीसी आरक्षण लागू कर दिया। आर्थिक आधार पर पिछड़ों को 10 फ़ीसदी आरक्षण दिया। केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया कि सबका साथ, सबका विकास ही उनका मूल मंत्र है। और समाज के सभी वर्गों का सामंजस्य देश की प्रगति में हो अब राज्य सरकार केंद्र के नाम पर फिर से जनता को धोखाधड़ी कर रही है। केंद्र के द्वारा जनहित में जो प्रावधान लागू किए जा रहे हैं, उसको लागू करने में भी सरकार पिछड़ती दिख रही है। जब केंद्र सरकार ने यह तय कर दिया पिछड़ों के लिए 27 फ़ीसदी आरक्षण सुनिश्चित हो। केंद्र ने मेडिकल क्षेत्र में यह लागू भी कर दिया तो राज्य को आखिर समस्या क्या है? झारखंड के पिछड़ों को अभी 14% आरक्षण मिल रहा है, उसे 27% करने की दिशा में झारखंड सरकार को पहल करनी चाहिए। इसे लागू करना चाहिए। झारखंड की सरकार को इसका बात का जवाब पिछड़ा समुदाय को देना चाहिए। दुर्भाग्य है कि इस सरकार में बड़ी संख्या में पिछड़े समाज के विधायक भी हैं और वो सब चुप्पी साधे हुए हैं। इस चुप्पी का भी जवाब जनता उन्हें देगी। राज्य के पिछड़ों की आबादी को देखते हुए 50 फ़ीसदी आरक्षण देने सिफारिश पिछड़ा आयोग भी कर चुका है। बावजूद इसके ऐसा नहीं करके सरकार पिछड़ों के साथ धोखा कर रही है। पिछड़ों के साथ किया वायदा निभा नहीं रही है। पिछड़ों के नाम पर राजनीति करने वाली यह सरकार ने पिछले डेढ़ 2 सालों में सिर्फ धोखा देने का काम किया है।


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