संध्या टोपनो मामले की हो न्यायिक या सीबीआई जांच : बाबूलाल मरांडी

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डॉ अजय ओझा।

गौ-तस्करों को संरक्षण देने और उन्हें बचाने के लिए दागी अफसरों का पदस्थापन कर रही है हेमंत सरकार।

रांची, 25 जुलाई । भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने तुपुदाना में पदस्थापित महिला दारोगा संध्या टोपनो की हत्या को एक बड़े षडयंत्र का हिस्सा बताया है। मरांडी ने कहा कि अखबारों और विभिन्न माध्यमों से जो जानकारी मिली है यह इसी ओर इशारा करती है। पहले रूपा तिर्की और अब संध्या टोपनो जैसी तेज तर्रार अफसर को कुचल कर मार दिया गया।

प्रेस कॉन्फस के दौरान बाबूलाल मरांडी

श्री मरांडी ने कहा कि वे आज ही संध्या के परिजनों से मिले हैं। परिजनों ने बताया कि ओपी प्रभारी कन्हैया सिंह का बर्ताव पहले से ही संध्या के प्रति ठीक नहीं रहा था। कन्हैया सिंह जबरदस्ती ड्यूटी लगाते थे।
इतनी बड़ी वारदात के बाद भी कन्हैया सिंह को केवल लाइन हाजिर किया गया, सस्पेंड तक नहीं किया गया, लाइन हाजिर करना कोई सज़ा नहीं है। पहले भी गौ तस्करी के मामले में कन्हैया सिंह की भूमिका संदिग्ध रही है। उन पर आरोपियों को छोड़ने का आरोप है। संध्या के प्रति कन्हैया सिंह का बर्ताव उसे जानबूझकर मौत के मुंह में धकेलने जैसा ही था।

श्री मरांडी ने कहा कि सोचने का विषय है कि जब कई थाना क्षेत्र से बैरिकेडिंग को तोड़कर और पुलिस को चकमा देकर अपराधी भागे आ रहे थे तो फिर उस स्थिति में एक महिला दारोगा को केवल तीन पुलिसकर्मियों के साथ रात में चेकिंग में लगाना अपने आप में संदेहास्पद है। जबकि तुपुदाना ओपी में 8-10 और पुलिसवाले मौजूद थे। ओडिशा से सिमडेगा के रास्ते गौ तस्कर तस्करी करते हैं, सबसे पहले बाँसजोरा चेकपोस्ट पड़ता है, अब हर रोज यहां से तस्कर बच निकलते हैं। अब ये कैसे विश्वास किया जाए, कि यहां की पुलिस को कुछ पता ही नहीं। यह तो सरासर मामले में संलिप्तता को दर्शाता है।

श्री मरांडी ने कहा कि अब कन्हैया सिंह को हटाकर जिस मीरा सिंह को पदस्थापित किया गया है वह अधिकारी खुद दागी है। ये वहीं मीरा सिंह हैं जिसे खूंटी महिला थाने में एसीबी ने आदिवासी महिला से घूस लेते हुए पकड़ा था। जाहिर है सरकार की मंशा ही भ्रष्ट अधिकारियों के पदस्थापन से आरोपियों को बचाने की है। राज्य सरकार द्वारा राजधानी रांची में तुपुदाना जैसे औद्योगिक क्षेत्र में जहां काफी क्राइम होता है , ऐसे दागी अफसर के पदस्थापन से सरकार की मंशा को साफ समझा जा सकता है। ऐसे दागी अफसर को तो राज्य का कोई थाना देना ही नहीं चाहिए। हेमंत सरकार को पता नहीं ऐसे अफसरों से अधिक प्रेम क्यों हैं। रांची में पूर्व उपायुक्त का और दुमका के कमिश्नर का भी मामला सामने है। राज्य सरकार द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों को पदस्थापित करने के पीछे Give & Take की नीति है। या तो वो आपको कमा कर देंगे या आपको बचाएंगे। राज्य सरकार की ऐसी कार्यशैली से भला राज्य में कानून का राज कैसे स्थापित होगा।

श्री मरांडी ने कहा कि जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार सरकार के स्तर से ही गौ तस्करों पर सख्ती नहीं बरतने का निर्देश प्राप्त होने की बात सामने आ रही है।

श्री मरांडी ने कहा कि सर्वप्रथम कन्हैया सिंह को निलंबित किया जाए, करप्शन में रंगे हाथ पकड़े जाने , जेल जाने वाले चार्जशीटेड दारोग़ा मीरा सिंह को तुरंत तुपुदाना ओपी से हटाया जाए और इस पूरे मामले की या तो सीबीआई या न्यायिक जांच कराई जाए। ताकि सारे दोषियों को कड़ी सजा मिल सके।

इसके पूर्व श्री मरांडी ने 15 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाली द्रोपदी मुर्मू को झारखंड की जनता की ओर से बधाई एवम शुभकामनाएं दी।

प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, मीडिया सह प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह ,तारिक इमरान भी उपस्थित थे।


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