विद्यानंद ओझा के जलाये शिक्षा के मशाल को बुझने नहीं दिया जायेगा : डॉ अजय ओझा

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महान शिक्षाविद स्व विद्यानंद ओझा की मनाई गई 8वीं पुण्यतिथि।

सासाराम /मउडिहरा, 31 दिसम्बर। भोजपुरी फाउण्डेशन के तत्वावधान में दिनारा प्रखण्ड अन्तर्गत मौडिहरा ग्राम में महान शिक्षाविद एवं अँग्रेजी भाषा के प्रख्यात विद्वान स्व. विद्यानन्द ओझा की 8वीं पुण्यतिथि मनाई गई। कार्यक्रम का आरम्भ स्व विद्यानंद ओझा की पत्नी श्रीमती रामकुमारी देवी ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

उन्होंने कहा कि मुझे कभी नहीं लगता कि वे हमारे बीच नहीं हैं। मुझे हमेशा महसूस होता है कि वे पढ़ाने के लिए नटवार गये हुए हैं और शाम होते ही वापस लौट कर आयेंगे और घर के बच्चों के साथ साथ गाँव के बच्चों को भी कहेंगे कि खूब पढ़ो-लिखो। उनका पूरा जीवन बच्चों को पढ़ाते गुजरा। गाँव से उन्हें बहुत प्रेम और लगाव था। हमेशा गाँव की भलाई और तरक्की के बारे में सोचते और बात करते रहते थे।

इस अवसर पर उपस्थित ग्रामवासियों ने स्व विद्यानन्द ओझा की तस्वीर पर सामूहिक रूप से माल्यार्पण और श्रद्धापुष्प अर्पित किया। इस अवसर पर उनकी आत्मा की शांति के लिये दो मिनट का मौन रखा गया। बृजकिशोर ओझा, अरविंद कुमार, डॉ अजय ओझा, श्रीमती बंदना ओझा, रंजीत कश्यप, अभिजीत कश्यप, मनीष कश्यप, त्रिलोकी ओझा, ओझा राजशक्ति शिवम, अमित कुमार ओझा एवं अन्य उपस्थित लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अपने-अपने उद्गार व्यक्त किये। सभी वक्ताओं ने लगभग एक स्वर में कहा कि आज मौडिहरा गाँव ही नहीं बल्कि पूरा जवार और ईलाका उनकी कमी महसूस कर रहा है।

श्री यक्षिणी उच्च विद्यालय, भलुनीधाम से शिक्षक का कैरियर आरम्भ करनेवाले स्व ओझा सेना में एजुकेशन कोर में जेसियो थे। उतम सैन्य सेवा के लिए उन्हें रक्षामंत्री और राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्त होने के उपरांत वे पटना के आरपीएस स्कूल के चीफ हॉस्टल सुपरिटेंडेंट बने। कालांतर में उन्होंने अपने गाँव के बगल में स्थित नटवार बाजार में वीएन विकास विद्यालय की स्थापना की।

कार्यक्रम में अपना विचार व्यक्त करते हुए वीपीजेपीएस महिला कॉलेज, राजपुर में संस्कृत के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने कहा कि सम्पूर्ण इलाके में गुरु जी के नाम से मशहूर और रिश्ते में मेरे चाचा स्व विद्यानन्द ओझा के पढ़ाये हजारों छात्र आज देश के अनेक कोनों में उच्च पदों पर आसीन हैं। रंजीत कश्यप ने कहा कि बाबा गाँव के पहला एम ए थे। वे शिक्षा के साथ ही कला, संगीत और नाटक को भी बढ़ावा देते थे। अभिजीत कश्यप ने कहा कि वे केवल लड़कों को ही नहीं बल्कि लड़कियों को भी शिक्षा प्रदान कर जीवन में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करते थे। मनीष कश्यप ने कहा कि बाबा जाति धर्म से परे सबके कल्याण की कामना करते थे। वे बिना भेदभाव किये ब्राह्मण लड़कों के साथ साथ दलित छात्रों को भी पढ़ाते थे। त्रिलोकी ओझा ने कहा कि गुरु जी पढ़ाई के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलकूद को भी खूब बढ़ावा देते थे। गाँव में नाटक, क्रिकेट, बॉलीबाल, चेस, कैरमबोर्ड आदि खेलों की शुरुआत उन्होंने ही किया था।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रसिद्ध भोजपुरी गायक रंजीत कश्यप उर्फ छोटन ओझा ने उनके जीवन पर आधारित गीत गाकर सबको मंत्रमुग्ध और भावविभोर कर दिया। बीए भूगोल ऑनर्स के विद्यार्थी और उनके पोता ओझा राजशक्ति शिवम ने अपने बाबा को श्रद्धापुष्प अर्पित करते हुए कहा कि वे उनके बच्चों के लिये सरल अँग्रेजी ग्रामर लिखने के अधूरे स्वप्न को पूरा करेंगे। कार्यक्रम में दुबई से विडियो कॉलिंग से शिरकत करते हुए विजय ओझा ने अपने पिताजी की पुण्यतिथि में पधारने के लिए सभी ग्रामवासियों का धन्यवाद किया। विजय ओझा स्व विद्यानन्द ओझा के सबसे छोटे पुत्र हैं जो दुबई में कम्पनी सचिव हैं।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भोजपुरी फाउण्डेशन के अध्यक्ष पत्रकार डॉ अजय ओझा ने कहा कि भोजपुरी फाउण्डेशन के द्वारा उनके पिता स्व विद्यानन्द ओझा के नाम पर अतिशीघ्र एक पुस्तकालय खोला जायेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में लगातार उनकी जयंती और पुण्यतिथि का आयोजन किया जायेगा और उनके नाम पर अनेक कल्याणकारी योजनाओं का शुभारम्भ किया जायेगा। इस क्षेत्र में शिक्षा की जो मशाल उन्होंने जलाई थी, उसे बुझने नहीं दिया जायेगा !!!


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