प्रीतमनगर गुरूद्वारा में गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस का पालन हुआ

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जयती भट्टाचार्या ।
25 अप्रैल से सिक्खों के पांचवे गुरू, गुरू अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व के अवसर पर संगत की महिलाएं 40 दिन तक रोज सुखमनि जी का पाठ और कीर्तन करती थीं। 3 जून 2022 को उनके शहीदी दिवस का पालन पूरे विश्व में हुआ। गुरू अर्जुन देव जी ने मुगल सम्राट जहांगीर के बेटे खुसरो को आशीर्वाद दिया था। इसके बाद ही जहांगीर ने गुरू पर अत्याचार शुरू किया और उन्हें गर्म तवे पर बैठाकर शहीद किया।

प्रीतमनगर गुरुद्वारे के अंदर

10 बजे से ही संगत की महिलाओं ने सुखमनि जी का पाठ पढ़ा और श्री जसप्रीत जी ने कीर्तन गाया। इसके बाद सबने लंगर छका। गुरूद्वारे की ओर से शर्बत और छोले का वितरण आम जनता में किया गया।

पार्षद सरदार अमरजीत सिंह।

प्रीतमनगर के पार्षद सरदार अमरजीत सिंह शर्बत का वितरण करते दिखे। श्री हरगोविंद सिंह जी के अनुसार लंगर में लगभग 800 लोगों ने भाग लिया और शर्बत तथा छोले वितरण कितने लोगों में हुआ यह नहीं बताया जा सकता। जो आया उसे ही दिया गया। संपूर्ण माया के पूछने पर उन्होंने बताया कि शर्बत का वितरण गुरू अर्जुन देव जी की आत्मा को ठंडक पहुंचाने के लिए किया जाता है क्योंकि उन्हें गर्म तवे पर बैठाया गया था।

शहीदी पर्व के दौरान गुरूद्वारे में काफी भीड़ थी, सब कुछ सही चल रहा था। परंतु गुरूद्वारे के सचिव मन मोहन सिंह जी ने वितरण के लिए शर्बत बनाया उसके बाद उनके साथ एक दुर्घटना हुई और वह चोटिल हो गए। कार्यक्रम के दौरान उनकी कमी सबको खल रही थी।


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