शिक्षा का उद्देश्य केवल उपाधि हासिल करना नही : राज्यपाल

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डॉ अजय ओझा।

शिक्षा का उद्देश्य व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास।

रांची,17 जनवरी। महान देशभक्त नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि सर्वप्रथम मैं उपाधि ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनायें देता हूँ। साथ ही साथ उन शिक्षकों एवं अभिभावकों को भी बधाई देता हूँ जिनके कारण उन्होंने ये उपलब्धि हासिल की है।

हमारा प्रयास है कि राज्य के अधिक-से-अधिक युवा वर्ग उच्च शिक्षा ग्रहण करें, चाहे वो किसी भी वर्ग के हो। ज्ञान हासिल करने में जाति, धर्म व वर्ग कभी भी बाधक न बने। शिक्षा से ही लोगों में जागृति आ सकती है तथा सामाजिक कुरीतियों का पूरी तरह से अंत हो सकता है।
ज्ञान और तकनीक आधारित इस युग में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए। आज का युग प्रतियोगिता का युग है और इस युग में कक्षा में सीखे ज्ञान की सार्थकता, उसके सामाजिक प्रतिफलन में है।

हमारे शिक्षण संस्थानों की यह कोशिश होनी चाहिए कि विद्यार्थी एक सामाजिक, सु-संस्कृत और कुशल नागरिक के रूप में विकसित हों। वे नैतिकवान एवं चरित्रवान हों। ऐसे नागरिक निश्चित रूप से देश और समाज के लिए अमूल्य संपदा सिद्ध होंगे। इन अर्थों में देखें तो दीक्षांत समारोह शिक्षा का समापन नहीं, बल्कि आरम्भ होता है।
मेरे प्रिय विद्यार्थियों, आज आप उपाधि ग्रहण कर रहे हैं। केवल उपाधि हासिल करना ही सिर्फ आपके जीवन का मकसद नहीं होना चाहिए। अब आप यहाँ से जीवन के कर्म-क्षेत्र में प्रवेश करेंगे, जहाँ आपको अपनी क्षमता एवं प्रतिभा से अपनी सही पहचान स्थापित करनी है।
आप लोगों को अपने कैरियर का चयन करना है और इसमें सफलता के लिए एक अनुशासित जीवन अति आवश्यक है। आप कभी भी अपने-आपको कमजोर न समझें, हमेशा मजबूत इरादो के साथ लक्ष्य प्राप्ति हेतु निरंतर आगे बढ़ें और अपनी प्रतिभा का ऐसा परचम लहरायें कि आपको यह विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि पूरा राज्य और देश एक आदर्श उदाहरण के रूप में देखे।

विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा के इन आदर्शों को आत्मसात कर आगे बढ़ने का प्रयत्न करना चाहिये, यह समाज एवं राष्ट्रहित में नितांत आवश्यक है।

व्यक्ति का सर्वांगीण विकास शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है। एक पूर्ण और बेहतर जीवन भी इसके स्पष्ट लाभों में से एक है। शिक्षा में समग्र रूप से समाज को लाभान्वित करने की क्षमता है। ऐसे समाज में लोग अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति जागरूक होते हैं।

विश्वविद्यालय को भी गुणात्मक शिक्षा की दिशा में पूर्णतः ध्यान देना चाहिये। हमारे राज्य के निजी विश्वविद्यालय सरकार एवं यू.जी.सी. के नियमों और गाइडलाइन्स का अनुपालन करें। विश्वविद्यालय को छात्रहित में सर्मपित होकर कार्य करना चाहिये।

हमारे शिक्षक विद्यार्थियों को बेहतर और सही मार्गदर्शन प्रदान करें, उन्हें इनोवेटिव विचार के प्रति जागरूक करें। हमारे राज्य के निजी विश्वविद्यालय शिक्षा का ऐसा वातावरण स्थापित करने हेतु अग्रसर हों ताकि सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय भी आपसे प्रेरणा ले सकें। इसी दृष्टिकोण से राज्य में स्थापित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ मैंने समीक्षा बैठक की तथा शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर दिया।
मुझे बताया गया है कि यह विश्वविद्यालय स्थापना काल से ही राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने हेतु निरंतर प्रयत्नशील है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में वाणिज्य और प्रबंधन, कानून, फार्मेसी, विज्ञान, कला और मानविकी, आतिथ्य, पत्रकारिता और जन संचार, शिक्षा, पॉलिटेक्निक, नर्सिंग और पैरामेडिकल, जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा और तकनीकी शिक्षा संचालित है, और विषय अनुसंधान के आठ पाठ्यक्रमों में कुल 28 कार्यक्रम चल रहे हैं।

मुझे सूचित किया गया है कि यह विश्विद्यालय झारखंड राज्य के साथ पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और उत्तर पूर्व राज्यों से आने वाले छात्रों के लिए भी उच्च शिक्षा का केंद्र है।विश्वविद्यालय ने बहु-विषयक अनुसंधान कार्यक्रम शुरू किए हैं और पिछले वर्षों में अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाने के लिए 66 छात्रों को विषयों में नामांकित किया गया है।

परिसर में लड़के और लड़कियों के लिए दो अलग छात्रावासों का प्रावधान इसे एक जीवंत आवासीय विश्वविद्यालय बनाता है। विश्वविद्यालय बुनियादी ढांचे में विकास और नयी शिक्षा निति (NEP) 2020 के अनुरूप नए उभरते पाठ्यक्रमों की शुरूआत के मामले में विस्तार करने हेतु प्रयत्नशील है।

मुझे यह भी बताया गया है, कि विश्वविद्यालय ने एक इंटर कॉलेज “एक्सप्लोर प्रोग्राम” का आयोजन किया, जिसमें झारखंड के 35 संस्थानों के 1850 चयनित छात्रों ने भाग लिया। मुझे यह भी अवगत कराया गया है कि 2021 में स्नातक उत्तीर्ण होने वाले 85% विद्यार्थियों को कुछ नामी कंपनियों में प्लेसमेंट मिला है जो इस विश्वविद्यालय के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

एक बार पुनः उपाधि ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनायें देते हुए कहना चाहूँगा कि आप लोग निरंतर अपनी मेहनत और लगन से लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सतत प्रयत्नशील रहे और अपनी मंजिल को अवश्य हासिल करे। मेरा आशीर्वाद सदा आप सभी के साथ है। जयहिन्द !


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