गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दशम दीक्षांत समारोह मुख्य अतिथि के रूप में माननीय राष्ट्रपति ने भाग लिया

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डॉ शूलपाणि सिंह।

  • चुनौतियों  के  बीच अवसर तलाशने से सफलता- राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मु
  • मानव सेवा ही माधव सेवा – राज्यपाल विश्वभूषण  हरिचंदन
  • गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ज्ञान का प्रकाश स्तंभ- सीएम भूपेश बघेल
  • अकादमिक उत्कृष्टता के साथ सामाजिक सरोकार पर जोर – कुलपति प्रो. चक्रवाल

बिलासपुर। गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दशम दीक्षांत समारोह दिनांक 01सितंबर, 2023 को पूर्वाह्न 11 बजे से विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में पूर्णगरिमा एवं हर्षोल्लास से मनाया गया। समारोह की मुख्य अतिथि माननीय राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मु रहीं। कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि छतीसगढ़ के माननीय राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन, विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह एवं श्री उमेश पटेल उच्च शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ रहे।  समारोह की अध्यक्षता माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की। मुख्य अतिथि सहित अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ काफिला आयोजन स्थल पर निर्धारित समय पर पहुंचा तथा राष्ट्रपति जी की अगवानी समस्त अतिथियों के साथ माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।

मुख्य अतिथि माननीय राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के आगमन पर सर्वप्रथम आयोजन स्थल पर पहले कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद सदस्यों के साथ, तदुपरांत  विद्यार्थियों के साथ अतिथियों द्वारा ग्रुप फोटोग्राफ खिंचवाया गया। इसके लिए विश्वविद्यालय में दोनों समूह के बैठने की व्यवस्था रजत जयंती सभागार के बाहर की गई थी। दसवें दीक्षांत समारोह की शोभायात्रा हॉल क्रमांक 1 से मंच की ओर प्रस्थान की जिसमें क्रमानुसार सर्वप्रथम कुलसचिव, विद्यापरिषद के सदस्य, कार्य परिषद के सदस्य, विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण एवं अतिथिगण, कुलपति महोदय के बाद कुलाध्यक्ष माननीय राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मु रहीं ।

कार्यक्रम का प्रारंभ पुलिस बैण्ड द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान के साथ हुआ। तदुपरांत मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा माँ सरस्वती एवं बाबा गुरु घासीदास जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के तरंग बैंड ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। माननीय कुलपति महोदय ने समस्त मंचस्थ अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया व स्मृति चिह्न भेट किया। दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि माननीय राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी  मुर्मु ने अपना उद्बोधन छत्तीसगढ़ी अभिवादन किया। अपने दीक्षांत उद्भोदन में कहा कि मैं गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होकर अत्यंत आहृादित हूँ एवं अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त कर अपनी उपाधियाँ ग्रहण कर रहे समस्त विद्यार्थियों एवं युवा विचारों को साकार रूप देने वाले अद्यापकों के प्रति अपनी ओर से बधाइयाँ प्रेषित करती हूँ। आप सभी के प्रति मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।

राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि आज यहां स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली छात्रों की संख्या 45 है जोर कुल संख्या का 60 फीसदी है। इस सफलता में उनकी प्रतिभा, लगन के साथ अभिभावकों तथा विश्वविद्यालय का विशेष योगदान है । साथ ही विश्वविद्यालय के कुल विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 43 फीसदी होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शिक्षा से महिला सशक्तिकरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में समाज सेवा के जो कार्य चलाएं जा रहे हैं उसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

राष्ट्रपति महोदया ने चंद्रयान 3 के संदर्भ में जिक्र करते हुए विज्ञान के क्षैत्र  में भारत के द्वारा अपनाई गई हाई साइंस लो  कॉस्ट नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय त्वरक आधारित शोध केंद्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका स्थापित करेगा। विद्यार्थियों को सम्भोदित करते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने का मूलमंत्र है निरंतर परिश्रम एवं लगन। चुनौतियों  के बीच अवसर तलाशना सफलता प्राप्त करने का प्रभावी तरीका है ।

अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री विश्वभूषण हरिचंदन, माननीय राज्यपाल छत्तीसगढ़ ने कहा कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों  के बलिदान को याद दिलाते हुए कहा कि इस अमृतकाल में अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित हों तथा अपने समाज की सेवा करें। विगत वर्षों में इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, जिसके लिए मैं सभी प्राध्यापकों, कर्मचारियों और छात्रों को बधाई देता हूं। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री भूपेश बघेल जी, माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ ने कहा कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर हमेशा से ज्ञान का प्रकाश स्तंभ रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य अपने आप में विशेषताओं से भरा है तथा यह असीम अवसरों की भूमि है। शिक्षा और नवाचार ही छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाइयों पर स्थापित करेगा। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अलोक कुमार चक्रवाल ने विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कि विश्वविद्यालय में अकादमिक व शोध के परिमाण व परिमाप लगातार बढ़ रहे हैं। यहां के विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल है ।


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