सुल्तानपुर में कागज पर तीन विद्यालयों का निर्माण कर प्राचार्य ने 50 लाख लूटे

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सुलतानपुर।
उत्तर प्रदेश में अभी तक फर्जी शिक्षकों का ही खुलासा हो रहा था परंतु अब जनपद सुलतानपुर में फर्जी शिक्षण संस्थानों का खुलासा हो रहा है जिसका संचालन संतोष कुमार सिंह नाम का व्यक्ति करता था,  जी हां सुल्तानपुर जिले में अपने को प्रार्चाय बताने वाले संतोष कुमार सिंह के तीन ऐसे फर्जी शिक्षण संस्थान हैं जो कभी जमीन पर निर्मित ही नहीं हुए,और इनके नाम पर सुल्तानपुर के विधायक, सांसद और विधान परिषद सदस्यों ने लगभग 35 लाख रुपए लुटा दिए साथ ही साथ फर्जी कागजों के सहारे असहाय और गरीब बच्चों की करोड़ों की छात्रवृत्ति भी हजम कर ली गई और इन पैसों को अधिकारियों के द्वारा पास भी कर दिया गया इस तरह की अंधेर गर्दी सिर्फ और सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही देखी जा सकती है कहा जाता है कि संतोष कुमार सिंह सिर्फ और सिर्फ पैसे के लिए कागजों पर विद्यालय का निर्माण कर अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जनप्रतिनिधियों से पैसा लेता था इसके अलावा संतोष कुमार सिंह अपने आप को पीएचडी भी बताता है। मामले का खुलासा होने के बाद संतोष कुमार सिंह जो फर्जी विद्यालय संचालित करता था वह फरार है ।
 जिले के चांदा कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कोथराकला निवासी संतोष कुमार सिंह पुत्र अवधेश प्रताप सिंह लगभग 20 वर्ष से कुल तीन विद्यालय सिर्फ कागज पर चलाता रहा, इन वर्षों में कई बार इस मामले की शिकायत   उच्च अधिकारियों को की गई परंतु किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। बाद में मामला उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ पहुंचा ।जिलाधिकारी सी0 इन्दुमती ने बताया कि इस प्रकरण में रिट याचिका संख्या 18923 (एम0एस0)/2018 श्री लालजी शिक्षण संस्थान बनाम उ0प्र0 सरकार एवं रिट याचिका संख्या1887/(एम0बी0)पी0आई0एल0/2020, राजकुमार बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य में न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में मुख्य राजस्व अधिकारी, सुलतानपुर की अध्यक्षता में प्रकरण की जॉच के लिए वरिष्ठ कोषाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी व तहसीलदार सदर सुलतानपुर की पॉच सदस्यीय समिति गठित की गयी समिति द्वारा स्थलीय निरीक्षण तथा उभयपक्षों की सुनवाई के पश्चात अपनी आख्या 08 जुलाई 2020 प्रस्तुत की गयी है। इसके अनुसार खुलासा हुआ है कि लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय कोथरा कला, लालजी शिक्षण संस्थान उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कला एवं रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां की मान्यता गलत तथ्यों को दिखाकर शिक्षा विभाग से प्राप्त की गयी है।गाटा संख्या-95 में कभी भी कोई शिक्षा सम्बन्धी कार्य नहीं हुआ और न ही कभी वहाँ कोई विद्यालय स्थापित था। इसी प्रकार गाटा संख्या 442 में रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कलां कभी गतिमान नहीं रहा और न ही लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां गाटा संख्या 444 में संचालित रहा।
वर्तमान में गाटा संख्या 444 एवं गाटा संख्या 442 के आंशिक भाग पर लालजी सिंह महाविद्यालय का भवन स्थापित है, परंतु अन्य तीनों विद्यालयों लालजी सिंह शिक्षण संस्थान, लालजी सिंह उच्च प्राथमिक विद्यालय और रामरती बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय के भवन का कहीं पर भी कोई अता पता नहीं है। ऐसे में जब विद्यालय का भवन ही स्थापित नहीं था, तो इन विद्यालयों पर खर्च हुई विधायक/सांसद निधि का मु0 32.70 लाख रूपये का दुरूपयोग हुआ। इन फर्जी शिक्षण संस्थानों में जो छात्रवृत्ति विभिन्न विभागों द्वारा वितरित की गयी, वह भी सत्यापित नहीं हो पायी और उसका भी दुरूपयोग हुआ है।
डीएम ने कहा है कि प्रबन्धक लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कलां एवं रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां द्वारा शिक्षा विभाग, विकास विभाग व अन्य सम्बन्धित .विभागों के साथ छल करके गड़बड़ी को अंजाम दिया गया है।
डीएम ने कहा कि तीनों संस्थाओं को मान्यता देने, विभिन्न विभागों द्वारा छात्रवृत्ति देने और सांसद/विधायक निधि से धनराशि दिये जाने से सम्बन्धित वर्ष 2001 से 2014 तक तैनात रहे अधिकारियों और कर्मचारियों जिसमें सुल्तानपुर के मुख्य विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शामिल थे उन सभी  का उत्तरदायित्व निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया गया है। एक सप्ताह के अन्दर कार्यवाही के लिए यथोचित स्तर पर प्रस्ताव भेजा जाएगा।
प्रकरण में मुख्य विकास अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से दोषी प्रबन्धक के विरूद्ध विधिक कार्रवाई के लिए कहा गया है। यही नहीं, इन तीनों संस्थाओं के नाम पर दी गयी सांसद/विधायक निधि तथा विभिन्न विभागों द्वारा वितरित की गयी छात्रवृत्ति की वसूली की भी कार्यवाही करायी जा रही है।दूसरी तरफ मामले का खुलासा होने के बाद संतोष कुमार सिंह की असलियत सामने आ गई है अब लोग यह समझ गए हैं कि संतोष कुमार सिंह के ऊपर भरोसा करने लायक नहीं है क्योंकि जो व्यक्ति इतने बड़े पैमाने पर फ्रॉड कर सकता है वह व्यक्ति न तो शिक्षक होने के बल्कि विद्यालय संचालक होने के भी काबिल ही नहीं है तो वह प्राचार्य होने के काबिल कैसे हो सकता है। कहा जाता है कि संतोष कुमार सिंह सुल्तानपुर की सांसद ,पूर्व सांसद ,जिले के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के नेता और तमाम विधायकों का अपने आप को खास बताता है और उन लोगों के साथ फोटो खींचा कर जिले में रौब झाडता है परंतु अब वह कानून के शिकंजे में फंस चुका है।

सौरभ सिंह सोमवंशी पत्रकार

प्रयागराज


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