झारखंड न्यूज़ : गैस पाईप लाइन बिछाने और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने सदन में उठाया सवाल

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डॉ अजय ओझा।

राज्य में मात्र 13.18 लाख (21.54% ) परिवारों को मिला नल से जलापूर्ति का लाभ।

रांची, 25 जुलाई । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से गैस पाइपलाइन और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर सवाल उठाया। अतारांकित प्रश्न के तहत श्री प्रकाश ने पूछा कि क्या पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि गैस अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) को झारखंड प्रदेश के क्षेत्रों में गैस पाइपलाइनें बिछाने में क्या समस्याएं आई हैं और उक्त समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा (क) क्या क्या प्रयास किये गए हैं; राज्य में उक्त पाइपलाइन को बिछाने के संदर्भ में क्या लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं; और गेल द्वारा गैस पाइपलाइन बिछाने के मापदंड का ब्यौरा क्या है और इसकी निगरानी के लिए किन एजेंसियों की जवाबदेही है?

सांसद दीपक प्रकाश

जवाब देते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने कहा कि झारखंड राज्य में गैस पाइपलाइन बिछाने में गेल को पहले समस्या का सामना करना पड़ा था जिसमें भूमि कब्जा प्रमाण पत्र की अनुपलब्धता, उच्चतर मुआवजे की मांग और पाइपलाइनों का मार्ग परिवर्तन, कट्टरपंथियी तत्वों द्वारा किया जाने वाला प्रतिरोध तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वन संबंधी अनुमति मिलने में देरी शामिल है। इन मुद्दों को सरकार और पणधारकों के प्रयासों द्वारा सुलझाया गया है। गेल ने झारखंड राज्य से गुजरने वाली 251 किलोमीटर लंबी डोभी- दुर्गापुर पाइपलाइन (जगदीशपुर-हल्दिया एवं बोकारो-धामरा पाइपलाइन (जेएचबीडीपीएल) का खंड-ख) और 248 किलोमीटर लंबी बोकारो- अंगुल पाइपलाइन (जेएचबीडीपीएल का खंड-ख) को बिछाने का कार्य पूरा कर लिया है। क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की मांग और पाइपलाइन बिछाने की तकनीकी वाणिज्यिक व्यावहार्यता के मद्देनजर प्राकृतिक गैस पाइपलाइनें बिछाई जाती हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) अधिकृत करने और प्रगति की निगरानी करने का प्राधिकरण है।

वही जल शक्ति मंत्रालय पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से पूछा कि क्या जल शक्ति मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने के संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी कदमों का ब्यौरा क्या है; और (ख) क्या सरकार का पेयजल की समस्या से निपटने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों को विशेष सहायता प्रदान करने का विचार है?

जिसका उत्तर देते हुए राज्य मंत्री जल शक्ति श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि अगस्त 2019 से भारत सरकार जल जीवन मिशन (जेजेएम) का कार्यान्वयन राज्यों की भागीदारी से कर रही है ताकि वर्ष 2024 तक कार्यशील नल जल कनेक्शन के माध्यम से झारखंड के ग्रामीण परिवारों सहित प्रत्येक ग्रामीण परिवार हेतु पीने योग्य जल की व्यवस्था की जा सके। इस मिशन का अनुमानित परिव्यय 3.60 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें से केन्द्रीय हिस्सा 2.08 लाख करोड़ रुपए है।

जल जीवन मिशन की घोषणा के समय 3.23 करोड़ परिवारों के पास नल जल कनेक्शन होने की सूचना दी गई थी। अभी तक पिछले 35 महीनों में, 6.60 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, आज की तारीख के अनुसार, देश में 19.13 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 9.84 करोड़ (51.43% ) परिवारों के पास उनके घरों में नल जल आपूर्ति उपलब्ध होने की सूचना है।
इसी प्रकार झारखंड राज्य में जल जीवन मिशन की घोषणा के समय 3.45 लाख परिवारों के पास नल जल कनेक्शन होने की सूचना दी गई थी। 20 जुलाई 2022 तक 9.73 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। इस प्रकार, आज की तारीख तक राज्य में 13.18 लाख (21.54% ) परिवारों के पास उनके घरों में नल जलापूर्ति होने की सूचना दी गई है।


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