श्रीलंका में कोरोना से मरनेवालों का दाह संस्कार जरुरी, फैसले का मुसलमान संगठनों ने किया विरोध

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नई दिल्ली, 13 अप्रैल (हि.स.)। श्रीलंका सरकार ने कोरोना वायरस से मरने वालों को लेकर दाह संस्कार करना जरुरी किया है । श्रीलंका ने कोरोना वायरस से मौत होने पर शवों का दाह संस्कार अनिवार्य करने के लिए कानून में संशोधन किया है। मुस्लिम समुदाय ने नए कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। सरकार के स्वास्थ्य मंत्री पवित्रा वन्नियाराच्ची ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के विरोध प्रदर्शन के बाद भी नए कानून को मंजूरी दे दी गई है। वन्नियाराच्ची ने कहा कि मृत शरीर को 800 से 1200 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर न्यूनतम 45 मिनट से एक घंटे तक जलाया जायेगा ।
जानकारी के अुनसार श्रीलंका में कोरोना वायरस के दिन पर दिन मामले बढ़ते जा रहे है। श्रीलंका में अ​ब तक 200 लोग कोरोना संक्रमित बताए गए हैं, जिनमें से सात लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में तीन मुसलमान हैं। मुर्दाघर में शव की देखभाल और पोस्टमार्टम जांच के लिए डब्लूएचओ ने मरने वाले व्यक्ति के शव को मुर्दाघर, शमशान या कब्रिस्तान ले जाने से बॉडी बैग में पूरी तरह सील करने की सिफारिश की है ताकि शव के फ्लूइड्स की लीकेज से बचा जा सके।
संशोधित कानून के तहत शव के पास जाने की इजाजत केवल उसी व्यक्ति को दी जाएगी जो शवदाह करने के लिए आवश्यक कर्तव्यों को पूरा करेगा. सरकार के इस कदम से अब मुस्लिम समुदाय ने विरोध करना शुरू कर दिया है। 


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