विदेश में भोलेनाथ

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जयति भट्टाचार्या।
भगवान शिव त्रिदेव में से एक हैं यानि महेश। त्रिदेव तो दुनिया के हर कोने में होंगे। सृष्टि के रचयिता और विनाशक भगवान शिव के कई नाम हैं जैसे भोलेनाथ, नीलकंठ, महेश्वर, नटराज इत्यादि। आइए देखें भोलेनाथ के विदेशों के कुछ निवास स्थान। इन मंदिरों का निर्माण वहां के शिव भक्तों ने करवाया।

कटासराज मंदिर, चकवाल, पाकिस्तान – इस मंदिर में दो कुंड हैं। मान्यता के अनुसार ये कुंड भगवान शिव के आंसुओं से बने हैं। 9वीं शताब्दी से पहले बनाए गए इस ढ़ांचे के बारे में  कहा तो यह भी जाता है कि अपने वनवास का काफी समय पांडवों ने यहां बिताया था और यहां का शिवलिंग श्री कृष्ण ने एक हाथ से बनाकर स्थापित किया था।
पशुपतिनाथ मंदिर, काठमांडू, नेपाल – 753 ईस्वी में बना यह मंदिर बागमती नदी के दोनों किनारों पर फैला हुआ है। बागमती नदी काठमांडू के पूर्वी किनारे पर है। इस मंदिर का लिंग एक मीटर ऊंचा है और यह नेपाल के सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है।

शिव विष्णु मंदिर, लिवरमोर, कैलिफोर्निया, अमेरिका – इस मंदिर में उत्तर और दक्षिण भारतीय शैलियों का समावेश है। मंदिर में स्थापित मूर्तियां तामिलनाडू सरकार ने भेंट की थी। कैलिफोर्निया में इस मंदिर के निर्माण से वहां के शिव भक्त भोले बाबा के दर्शन कर सकते हैं।

प्रम्बन्न मंदिर, जावा, इंडोनेशिया – 9वीं शताब्दी में इंडोनेशिया के जावा शहर के पास योग्यकर्ता शहर से 17 किमी दूर इस विशाल मंदिर का निर्माण महाराज रकई पिकाटन ने करवाया था। पूर्वी एशिया का सबसे बड़ा मंदिर प्रम्बन्न मंदिर, परिसर के बहुत भीतर स्थित है जिसकी कुल ऊंचाई 154 फुट है।

गुप्तेश्वर मंदिर, मिंटो, आस्ट्रलिया – भारत में 12 ज्योर्तिलिंग हैं और 13वां है आस्ट्रलिया के गुप्तेश्वर मंदिर में। इसे 1999 में नेपाल के राजा बिरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव ने आस्ट्रलिया को तोहफे में दिया था। यह मंदिर एक मानव निर्मित गुफा मंदिर है जिसके गर्भगृह में गहरी तिजोरी है जहां ओम नमः शिवाय लिखे लाखों नोट हैं।

मध्य कैलाश मंदिर, मिडरैंड, दक्षिण अफ्रिका -हिंदू समुदाय की बढ़ती संख्या को देखते हुए मिडरैंड में इस प्रसिद्ध हिंदू मंदिर का निर्माण कराया गया।


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