पौराणिक हंस तीर्थ स्थल के अस्तित्व के साथ हो रहा है खिलवाड

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सौरभ सिंह सोमवंशी, उत्तर प्रदेश ब्यूरो प्रमुख।

प्रयागराज : झूंसी । भगवान विष्णु के अवतार, भगवान हंस की जन्म भूमि तथा संकष्टहर माधव(संध्यावट) मंदिर को वर्षों से स्थानीय भूमाफिया द्वारा कब्जा कर मंदिर प्रांगण में भक्तों के दर्शन पूजन को प्रतिबंधित कर दिया गया है। अतिप्राचीन हंसतीर्थ मंदिर पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के हंस अवतार को दर्शाता है। वर्षो से स्थानीय भूमाफिया ने कब्जा कर आस पास के सभी पवित्र स्थलों पर अपना एकाधिकार स्थापित कर लिया है। स्थानीय लोग जब इसका विरोध करते हैं तो पुलिस प्रशासन का भय दिखाकर प्रताड़ित किया जाता है।

दरअसल बीते एक दशक से भूमाफिया ने प्रयागराज कुम्भ क्षेत्र की तमाम जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। जिस पर स्थानीय लोगों ने सैकड़ों मुकदमा भी दर्ज कराया परन्तु पैसे तथा रसूख के बल पर उक्त भूमाफिया ने किसी भी मुकदमे को अपने पक्ष कराने के लिए तमाम लोगों पर फर्जी मुकदमे भी दर्ज करा दिये हैं ।

पूर्व सरकार और पुलिस प्रशासन के सांठ गांठ से शुरू हुआ यह कब्जे व शोषण का सिलसिला योगी सरकार में भी थमने नाम नही ले रहा है । योगी सरकार में तमाम भूमाफियाओं के खिलाफ बुलडोजर अभियान चलाया जा रहा किंतु उक्त के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। भूमाफिया अपने कब्जे जद में पौराणिक हंसकुप को भी ले रहा है । पुरातत्व विभाग ने भी जन सूचना के तहत स्पष्ट किया है कि हंस तीर्थ मन्दिर , संकष्टहर माधव (सन्ध्यावट) तथा हंसकूप अति प्राचीन तथा पौराणिक है । दिनांक 9-5-2022 को कमिश्नर को दिये गये पत्र पर जिला अधिकारी प्रयागराज के द्वारा गठित टीम के अधिकारी सीआरओ हरिशंकर के नेतृत्व में जब उक्त प्रांगण का जांच करने पहुंचे तो उन्हें भी मंदिर प्रवेश करने से रोक दिया गया था तथा तबतक हंसकूप पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त था जिसका निरीक्षण CRO हरिशंकर जी सहित तमाम अधिकारियों ने किया था परन्तु कल दिनांक 17-7-2022 को टीनसेड, बल्लियों, त्रिपाल आदि से घेरकर हंसकूप को ढककर दर्शन पूजन से रोक दिया तथा हंसकूप के अस्तित्व को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है ।
शिकायतकर्ता शिव लाल निषाद ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी जी की सरकार में उक्त प्रकरण को लेकर संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया किंतु अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नही किया हैं। स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है।

श्री बी आर शास्त्री ने बताया कि आज मंदिर प्रांगण के सटे हुए भू:भाग अवैध निर्माण कराया जा रहा था जिसका विरोध करने पर स्थानीय पुलिस द्वारा उक्त भूमाफिया को थाने बुलाया था किंतु पुलिस ने मामले कोई ठोस कार्यवाही नही किया। अवैध निर्माण जारी है। इस प्रकार अतिक्रमण जारी रहा तो हंसतीर्थ हंसकूप मंदिर के प्रतीक चिन्हों को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। सरकार को उक्त प्रकरण में तत्काल भूमाफिया के खिलाफ कार्यवाही करने की आवश्यकता है।


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