“गतिशील व ऊर्जा से परिपूर्ण है आई ए एस” डां हीरालाल की किताब “डायनामिक डीएम”
सौरभ सिंह सोमवंशी उत्तरप्रदेश ब्यूरोचीफ।
लखनऊ । भारत में पीएम, सीएम और डीएम तीन सबसे महत्वपूर्ण पद होते हैं इन तीनों पदों का सीधा जुड़ाव आम जनता से होता है इन पदों के साथ सामाजिक प्रतिष्ठा और सत्ता भी प्राप्त होती है इन पदों पर बैठा व्यक्ति लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से सक्षम होता है और वह लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्य करता भी है इसी तरह से उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के साऊघाट विकासखंड
के अंतर्गत बागडीह गांव के सामान्य किसान परिवार में जन्मे डॉक्टर हीरालाल की कहानी है डॉ हीरालाल उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी हैं।
डॉ हीरालाल 2019 में उत्तर प्रदेश के अत्यंत पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड के बांदा जनपद में जिला अधिकारी के पद पर तैनात थे इस दौरान उन्होंने वहां अपने कार्यकाल के दौरान अनेक कीर्तिमान स्थापित किए।
2019 लोकसभा चुनाव बांदा में उनके कार्यकाल के दौरान ही हुआ इसके अलावा बांदा में पानी की समस्या के समाधान के लिए भी उन्होंने तमाम कार्य किए इस तरह के तमाम कार्य करते रहने के दौरान ही उन्हें बांदा से लेकर लखनऊ तक एक नया नाम मिला डायनेमिक डीएम।
बांदा में कार्यकाल के दौरान व अन्य अनुभवों को समेटे डॉ हीरालाल ने एक किताब लिखी है जिसका नाम डायनामिक डीएम है, इस किताब का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन ने किया है। यह किताब उत्तर प्रदेश और देशभर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र छात्राओं के साथ साथ सामाजिक जीवन में कार्य कर रहे लोगों व अधिकारियों के लिए अत्यंत उपयोगी है यह किताब सिविल सेवा के नए अधिकारियों के लिए अत्यंत उपयोगी है क्योंकि इसमें नए अधिकारियों को मिलने वाले जोखिम और उनसे निपटने के तमाम अनुभवों की चर्चा की गई है किताब में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अथवा उसका सपना संजोए छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करने वाले तमाम घटनाओं का जिक्र भी किया गया है वर्तमान में नेशनल हेल्थ मिशन के एडीशनल डायरेक्टर व केंद्र सरकार के मांडल गांव योजना के सदस्य डॉ हीरालाल ने अपने जीवन काल के तमाम अनुभव के साथ-साथ यह भी बताया है कि कैसे सभी को साथ लेकर, सभी की ऊर्जा का उपयोग कर, सभी के जीवन को बेहतर और खुशहाल बनाया जा सकता है।

कौन हैं आई ए एस डा हीरालाल?
डॉ हीरालाल का जन्म बस्ती जनपद में एक साधारण किसान परिवार में हुआ उन्होंने अपनी शिक्षा गवर्नमेंट इंटर कॉलेज बस्ती से की ग्रेजुएशन करने के लिए वह प्रयागराज स्थित इलाहाबाद विश्वविद्यालय पहुंचे परंतु साल भर में ही वह वापस चले गए और वर्तमान में उत्तराखंड के उधम सिंह नगर स्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल में बीटेक की डिग्री ली बाद में गेट की तैयारी कर आईटी बीएचयू से पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में एमटेक किया 1994 में वह सिविल सेवा के लिए चुन लिए गए। बाद में उन्होंने “संवाद से सुशासन की प्राप्ति” विषय पर शोध किया और वे डॉ हीरालाल बन गए।
डॉ हीरालाल की किताब डायनामिक डीएम उनके पिता स्वर्गीय श्री राम अजोर जी को समर्पित है इस किताब में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा व पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन के साथ साथ उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल का संदेश भी है।
डायनामिक डीएम किताब के लेखक डॉ हीरालाल ने पहली बार जब आईएएस की परीक्षा दी तो पहली बार में ही मुख्य परीक्षा के लिए उनका चयन हो गया दूसरी बार प्री परीक्षा भी ना पास कर सके परंतु जब उन्होंने उत्तर प्रदेश पीसीएस की परीक्षा में भाग लिया तो पहली बार में ही उनका सिलेक्शन हो गया और वह 19 वी रैंक पर चयनित हो गए यह उन छात्रों के लिए एक सबक है जो असफलताओं से डरकर परिश्रम करना छोड़ देते हैं।
लोकसभा चुनाव 2019के दौरान पीएम मोदी ने की सराहना
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान जब डॉ हीरालाल बांदा के जिला अधिकारी थे उसी दौरान वहां पर लोकसभा चुनाव का प्रचार करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे तब चुनाव प्रचार के मंच पर से ही प्रधानमंत्री ने डॉ हीरालाल के द्वारा शत् प्रतिशत मतदान हेतु किए गए कार्यों की सराहना की, ना केवल बांदा जनपद में बल्कि प्रधानमंत्री 739 जनपदों में मतदान अभियान के लिए बांदा जनपद की चर्चा करते रहे यह अपने आप में डॉ हीरालाल और उनकी टीम के लिए अहम बात थी। इसका कारण यह था की डॉ हीरालाल 90 प्लस मतदान नामक अभियान चला रहे थे अभियान का परिणाम यह हुआ कि जिस बांदा जनपद में 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान एक भी बूथ पर 90% से अधिक मतदान नहीं हुआ था उसी जनपद में 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान 7 बूथों पर 90% से अधिक मतदान हुआ, 25 दिसंबर 2020 को इस सफलता पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्य सचिव उनको सम्मानित किया।
इसके अलावा बांदा जनपद में कुपोषण के अभिशाप को समाप्त करना, बांदा जिला जेल में बड़े पैमाने पर सुधार, कुम्हारी कला को प्रोत्साहित करने के लिए जनपद के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कुल्हड़ में ही चाय पीने का दिशानिर्देश जारी करना, दोना पत्तल बेचने वालों को सम्मानित करना, पर्यटन के लिए कार्य करना, पेड़ जियाओ अभियान के तहत बारातियों के बीच पौधा वितरित करना,जल संरक्षण पर काम करना हो या स्टार्टअप और इनोवेशन के साथ-साथ प्रशासनिक सुधार का काम हो
समस्त कार्यों में डॉ हीरालाल जी ने बांदा जनपद में अपने कार्यों की बदौलत सकारात्मक परिवर्तन कर दिखाया। इन सभी का जिक्र डायनामिक डीएम किताब में किया गया है।
आईएएस डॉ हीरालाल के बारे में क्या कहा था प्रधानमंत्री मोदी ने?
चुनाव में चुनावी मशीनरी होती है चुनाव में यह करो,ये ना करो ढिकना करो, फलाना करो इसी में लगी रहती है मुझे बताया गया कि यहां जिले के जो चुनाव अधिकारी हैं वह 100% वोटिंग के लिए मेहनत कर रहे हैं यह बहुत अच्छी बात है मैं उनको बधाई देता हूं मैं निर्वाचन आयोग से भी कहूंगा कि मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं और राजनीति से परे होकर लोकतंत्र की बात कर रहे हैं तो भारत सरकार के निर्वाचन आयोग को भी ऐसे मेहनत करने वाले अफसरों की तरफ देखना चाहिए और उनमें से पूरे देश में अगर इस चुनाव में नहीं तो आने वाले चुनाव में यह क्या क्या तरीका अपनाते हैं, कैसे लोगों को मोब्लाइज करते हैं यह सारी बातें डॉक्यूमेंट करनी चाहिए मैं बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस तरह से जन जागृत का कार्य करने वाले अफसर और उनके अभियान को महत्व देते हुए आगामी चुनाव में उनके कार्यों का पूरे देश में अनुसरण किया जाना चाहिए।
पुस्तक का नाम डायनामिक डीएम ही क्यों?
डॉ हीरालाल के मुताबिक डायनामिक का शाब्दिक अर्थ होता है सक्रिय अथवा गतिमान यानी ऊर्जा तथा विभिन्न विचारों से परिपूर्ण रहने वाला व्यक्ति।
उन्होंने बताया कि उन्हें पता ही नहीं चला कब उनके लिए आम जनता, मीडिया और सरकारी महकमे के लोगों के द्वारा डायनामिक शब्द का प्रयोग किया जाने लगा। उन्होंने बताया कि उनको यह नाम बांदा की जनता के द्वारा दिया गया है और वहां के खट्टे मीठे अनुभवों को इस पुस्तक में शामिल किया गया है इसीलिए अगर पुस्तक का अन्य कुछ नाम रहता तो शायद इस पुस्तक की प्रासंगिकता उतनी ना रह पाती भारत में समाज सेवा करने का पीएम सीएम और डीएम का पद सबसे अच्छा और उपयुक्त है यह तीनों पद शक्तिशाली, प्रतिष्ठित, महिमामंडित और चुनौतीपूर्ण हैं। यह पद देश प्रदेश और जिले की दिशा और दशा को बदलने वाले पद होते हैं आमजन की आर्थिक सामाजिक स्थिति को मजबूत करते हैं जहां प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतियों को बनाते हैं वहीं पर जिला अधिकारी जमीनी स्तर पर जिले के भीतर उन को लागू करवाने की जिम्मेदारी निभाता है पीएम सीएम और डीएम में सबसे जनता के करीब डीएम ही होता है क्योंकि उससे मुलाकात करना सबसे ज्यादा आसान होता है डॉ हीरालाल के मुताबिक आम नागरिक विश्वास होता है कि उसके हर मर्ज की दवा डीएम ही है। कहा तो यह भी जाता है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में जिला अधिकारी ही जिले में काम करता है।