नये रुप में मंच पर दिखे महाभारत के पात्र

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मनीष कपूर।

(रणभूमी में अपने पुत्र दुर्योधन को खोजते नज़र आये गांधारी और धृतराष्ट्र)

प्रयागराज। बुनियाद फाउंडेशन द्वारा सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से रविवार की शाम उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के रविन्द्र प्रेक्षागृह में महाकवि भास कृत नाटक उरुभंगम का भावपूर्ण मंचन किया गया। नये प्रयोगात्मक तरह से खेले गये इस नाटक में सबसे खास वस्त्र विन्यास एवं पारंपरिक परिपाटी को तोड़कर आभूषणों की जगह बॉडी पेन्ट कर कुछ अलग करने का प्रयास देखने को मिलता है, जिसे माधवी निराला ने किया।
उरुभंगम एक दुःखान्त संस्कृत नाटक है जिसे दूसरी या तीसरी शताब्दी में लिखा था।

यह नाटक व्यास के प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत पर आधारित है, जो भीम के साथ लड़ाई के दौरान और बाद में दुर्योधन के चरित्र की कहानी पर केंद्रित है। नाटक के माध्यम से भास की कलम की उत्कृष्ट कलात्मक क्षमता से एक नया दुर्योधन बनाया गया है, एक दुर्योधन जो पूरी तरह से अलग है,जिसे महाभारत में दर्शाया गया है। दुर्योधन के जीवन के अंतिम चरण के आधार पर, अपराजेय योद्धा, भास, के साथ महान स्नेह और अपनी कल्पना की भव्यता का उपयोग करते हुए, एक बिल्कुल नए, पूरी तरह से असाधारण दुर्योधन का चित्रण किया है। उरुभंगम का मुख्य विषय गदायुध्द की स्वीकृत शर्तों और उस कार्य के परिणामों का उल्लंघन करते हुए भीम द्वारा दुर्योधन की जांघों को तोड़ना है।नाटक में दुर्योधन के नायकीय गुण का इस सम्वाद से ही अंदाज़ा लगा सकते है जब दुर्योधन युद्ध पर विराम लगाने की बात करता है और अपने पुत्र से कहता है कि मेरे मरने के बाद पांडवो की सेवा करना,माता कुंती की आज्ञा मानना,द्रौपदी का अपनी माँ की तरह ही पूजन करना और पांडव पुत्रो के साथ मेरा नाम लेकर मुझे तर्पण देना।
नाटक का निर्देशन एवं दुर्योधन की भूमिका असगर अली ने किया। सहायोगी निर्देशक एवं गान्धारी की भूमिका को रुचि गुप्ता ने निभाया।
मंच पर विशाल मिश्रा, जितेन्द्र कुमार यादव, आर्यन सिंह, नवल किशोर पटेल, नीरज शर्मा, रजनीश अवस्थी, प्रियांशू अमन, दुर्गेश यादव, प्रिन्स यादव, शालिनी कश्यप, विनय सिंह,संजीव कुमार, नृत्य में- राहुल गोस्वामी, प्रदीप कुमार पटेल, विष्णु गोस्वामी, शोभित सोनकर।मंच परे- संगीत- अर्श शर्मा, कनिष्क सिंह, मंच प्रकाश- सुजॉय घोषाल, रूप सज्जा- हामिद अंसारी, पार्श्व उदघोषक- आवेश अंसारी, मंच सज्जा- नितेश पाल, विकास कोरी, वस्त्र विन्यास एवं बॉडी पेन्ट सहयोग – शिवानी चावला, कामना मिश्रा एवं आकांक्षा गुप्ता ने किया। प्रस्तुति नियंत्रक अंकित सिंह यादव रहे। आभार संस्था के अध्यक्ष रतन दीक्षित ने किया।


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