खबर उन्नाव:पीपीआईयूसीडी महिलाओं की पहली पसंद

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जतिन कुमार चतुर्वेदी


साल दर साल बढ़ रहा पीपीआईयूसीडी का ग्राफ।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियोजन साधनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी क्रम में विभाग द्वारा अनवरत प्रयास किए जा रहे हैं। दो बच्चों के बीच अंतर रखने एवं अनचाहे गर्भधारण से बचने के लिए अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों की सुविधा उपलब्ध है |
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सत्य प्रकाश बताते हैं कि बास्केट ऑफ च्वाइस की सुविधा है जो स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है | इसमें परिवार नियोजन के अस्थायी साधन पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, माला-एन, साप्ताहिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा , साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, आकस्मिक् गर्भनिरोधक गोली और स्थायी साधनों में महिला और पुरुष नसबंदी की सेवाएं है | इसे कैफ़ेटेरिया अप्रोच भी कहते हैं | लाभार्थी को सभी साधनों के बारे में बताया जाता है | अपनी इच्छानुसार वह साधन का चुनाव कर सकते हैं |
उप मुख्य चिकित्साधिकारी व परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ अरविंद कुमार का कहना है कि महिलाओं की पहली पसंद प्रसव पश्चात आईयूसीडी(पीपीआईयूसीडी) है जिसकी पुष्टि पिछले तीन साल के आंकड़े से होती है | यह अनचाहे गर्भ से बचने और दो बच्चों के बीच में अंतर रखने का बेहतरीन साधन है। पीपीआईयूसीडी प्रसव के बाद 48 घंटे के अंदर या प्रसव के छह सप्ताह बाद या ऑपरेशन के दौरान या आँवल के बाहर आने के दस मिनट के अंदर लगवाई जा सकती है ।
पीपीआईयूसीडी पानी की थैली (झिल्ली) फट जाने के 18 घंटे बाद प्रसव होने की स्थिति में, प्रसव पश्चात बुखार एवं पेट दर्द होने पर, योनि से बदबूदार स्राव या प्रसव के पश्चात अत्यधिक रक्तस्राव होने पर नहीं अपनायी जानी चाहिए ।
आईयूसीडी एक बेहतरीन विकल्प है | इसे कॉपर-टी भी कहते हैं | यही आईयूसीडी जब प्रसव के बाद लगाई जाती है तो इसे पीपी आईयूसीडी कहते हैं | आईयूसीडी यह लंबे अंतराल के लिए एक बहुत ही प्रभावशाली विधि है | यह दो प्रकार की होती है : 380 A जो दस वर्षों के लिए होती है और 375 जो पाँच वर्षों के लिए होती है | इसे लगवाकर महिला लंबे समय तक् गर्भधारण करने से बच सकती है | आईयूसीडी निकाले जाने के बाद महिला की गर्भधारण की क्षमता तुरंत वापिस आ जाती है | स्तनपान कराने वाली माँ के लिये यह एक बहुत अच्छा अस्थायी साधन है | असुरक्षित यौन संबंध बनाने की स्थिति में पाँच दिन के अंदर आईयूसीडी लगवाई जा सकती है, यह आपातकालीन गर्भनिरोधक की तरह काम करती है |
इसे उन महिलाओं को इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए जिन्हें गर्भाशय संबंधी कोई बीमारी है |
पीपीआईयूसीडी के लाभार्थी को 300 और आशा व सेवा प्रदाता को 150 रुपए दिये जाते हैं |

पुरुषों का सहयोग जरूरी —
नोडल अधिकारी का कहना है कि सुखी परिवार का मूल मंत्र है कि सभी निर्णय आम सहमति से लिए जाएं और दंपति एक दूसरे के निर्णयों का स्वागत करें | इसी क्रम में महिला यदि परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपनाती है तो पुरुषों का सहयोग बहुत ही जरूरी है। पुरुष यदि सहयोग करेंगे तो महिलाएं इसे अपनाने में नहीं हिचकेंगी। थोड़े समय की खुशी के लिए महिला के स्वास्थ्य और परिवार की खुशी को अनदेखा किया जाना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि आईयूसीडी लगवाने के बाद कई बार अनियमित माहवारी की समस्या हो जाती है, लेकिन इसमें घबराने की जरूरत नहीं है।
ऐसे बढ़ रहा है पीपीआईयूसीडी का ग्राफ —
वित्तीय वर्ष — कुल अपनाने वाली पीपीआईयूसीडी क्लाइंट
2022-23 — 18217
2021-22 — 15781
2020-21 — 4869

उन्नाव एक नजर में –
जिले की आबादी – लगभग 35 लाख
लक्षित दंपति –5.95 लाख
महिला चिकित्सालय – 01
सीएचसी -19
पीएचसी -43
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर-282


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