न्यूज़ उन्नाव:नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कांशी राम कालोनी में शुरू हुई कॉपर टी की सुविधा

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जनपद में चल रहा मिशन परिवार विकास अभियान।
स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान और पॉपुलेशन सर्विसेस इंटेरनेशनल (पीएसआई) के सहयोग से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(पीएचसी) कांशी राम कालोनी में बृहस्पतिवार से आईयूसीडी(कॉपर टी)की सुविधा शुरू हुई।
इस मौके पर पाँच महिलाओं ने आईयूसीडी लगवाई और पाँच महिलाओं ने परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी ली।
इस संबंध में परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. हरिनन्दन प्रसाद ने बताया कि परिवार को सुखी रखने एवं महिला के बेहतर स्वास्थ्य के लिए परिवार नियोजन साधनों की अहम भूमिका है। परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराने के लिए बास्केट ऑफ च्वाइस की सुविधा है।जिसके तहत अस्थायी साधनों में त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, मौखिक साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, प्रसव पश्चात एवं गर्भपात पश्चात आईयूसीडी, माला-एन एवं आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली तथा स्थायी साधनों में महिला एवं पुरुष नसबंदी हैं।इच्छा के अनुरूप इनमें से किसी भी सुविधा का चुनाव कर सकते है।
नोडल अधिकारी ने बताया कि जनपद में 18 जनवरी से मिशन परिवार विकास (एमपीवी) अभियान चल रहा है।जिसके तहत जनपद में 21से 24 जनवरी के मध्य समुदाय को परिवार नियोजन साधनों के बारे में जागरूक करने के लिएसारथी वाहन का चयनित क्षेत्रों में संचालन किया जाएगा।इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता द्वारा बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में समुदाय को जागरूक किया जाएगा।इसके अलावा इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन के साधनों का वितरण किया जाएगा।


शहरी स्वास्थ्य समन्वयक रानू कटियार ने बताया कि आईयूसीडी एक छोटा ‘टी’आकार का लचीला साधन है जिसे गर्भाशय के अंदर लगाया जाता है। यह महिलाओं के लिए एक असरदार व लंबी अवधि के लिये गर्भनिरोधक साधन है।यह दस साल और पाँच साल के लिए प्रभावी होता है।इसे अपनाकर महिलाएं लंबे समय तक गर्भधारण से बच सकती हैं।वह जब चाहें इसे निकलवा भी सकती हैं।आईयूसीडी निकाले जाने के बाद महिला पुनः गर्भधारण कर सकती है।महिलाएं प्रसव के तुरंत बाद आईयूसीडी लगवा सकती हैं।इसे पोस्टपार्टम इंट्रायूटेराईन कोंट्रासेपटिव डिवाइस(पीपीआईयूसीडी) कहते हैं।इसके अलावा महिलाएं गर्भपात के तुरंत बाद या 12 दिन के अंदर कभी भी लगवा सकती हैं बशर्ते योनि में संक्रमण न हो।

इसके साथ ही माहवारी शुरू होने के पहले दिन से 12 दिन के अंदर तथा असुरक्षित सम्बन्ध बनाने पर उसी दिन से लेकर पांच दिन के अंदर लगायी जा सकती है।यह आपातकालीन गर्भनिरोधक की तरह कार्य करती है।
इस मौके पर आईयूसीडी अपनाने वाली लाभार्थी रेखा (बदला हुआ नाम) ने बताया कि “मेरे विवाह को अभी दो वर्ष हुए हैं और मुझे नौ माह का बच्चा है।हम तीन-चार साल तक हम बच्चा नहीं चाहते हैं।बच्चों में अंतर रखने के लिए हमने यह सुविधा अपनाई है।
इस मौके पर फार्मेसिस्ट, स्टाफ नर्स, रानू कटियार, परिवार नियोजन विशेषज्ञ अब्दुल फारुकी और फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजरडॉ. आरिफ और पीएसआई से राम कुमार उपस्थित रहे।


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