खबर रायबरेली:फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए प्रदान की गयी एमएमडीपी किट

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जतिन कुमार चतुर्वेदी


सीएचसी जतुआ टप्पा पर फाइलेरिया मरीजों का रुग्णता
प्रबंधन व दिव्यांगता उपचार पर अभिमुखीकरण।
स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान एवं स्वयंसेवी संस्था सेंटर
फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से शुक्रवार को जतुआ टप्पा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर फाइलेरिया मरीजों का रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता
उपचार (एमएमडीपी) पर अभिमुखीकरण किया गया ।


इस मौके पर 150 फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी
किट भी प्रदान की गयी।अभिमुखीकरण कार्यक्रम में सीएचसी अधीक्षक डा. बृजेश
ने कहा कि फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए एमएमडीपी किट दी गई है। किट में टब, मग, तौलिया और साबुन आदि शामिल हैं । फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल में इस किट का उपयोग करें । इसके साथ ही फाइलेरिया रोगियों नियमित व्यायाम करने और प्रभावित
अंगों की साफ- सफाई करने के बारे में भी बताया गया ।
मरीजों से कहा गया कि बहुत अधिक देर तक पैर लटकाकर न रहें ।
डा. बृजेश ने कहा कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है । यह बीमारी ठीक नहीं हो सकती है । इसलिए प्रबंधन से ही इसको नियंत्रित किया जा सकता है । इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें । जनपद में इससे बचाव
के लिए सर्वजन दवा सेवन अभियान 10 अगस्त से शुरू होने जा रहा है ।

जिसके तहत आइवरमेक्टिन,
डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल (आईडीए )खिलाई जाएगी । इसलिए स्वयं भी फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करें एवं अपने घर और आस-पास के लोगों को दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित करें ।एक साल से कम आयु के छोटे बच्चों, गर्भवती और
अतिगंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को इस दवा का
सेवन नहीं करना है । एक से दो साल की आयु के बच्चों
को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई
जाएगी । किसी को भी दवा का सेवन खाली पेट नहीं
करना है । सीफॉर के प्रतिनिधि ने जानकारी दी कि लखनऊ, सहित
प्रदेश के 10 जनपदों में संस्था ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से फाइलेरिया रोगी नेटवर्क सपोर्ट ग्रुप बनाया है ।जिन्हें फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल और व्यायाम करने का प्रशिक्षण दिया गया है । सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों ने
नियमित रूप से व्यायाम का अभ्यास किया है और
एमएमडीपी किट का इस्तेमाल किया । जिससे उनके फाइलेरिया प्रभावित अंगों की सूजन में भी काफी आराम मिला । इसके साथ ही फाइलेरिया के बारे में जानकारी मिलने के बाद नेटवर्क सपोर्ट ग्रुप के सदस्य अब अन्य लोगों को इस बीमारी से बचाव के बारे में जागरुक कर रहे हैं ।फरवरी में लखनऊ में चले आईडीए अभियान के दौरान
फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों ने अहम भूमिका निभाते हुए अपने आस पास के लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित किया । इस मौके पर 150 फाइलेरिया मरीज मौजूद रहे ।


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