न्यूज़ रायबरेली:महिलाओं कों सवाईकल कैंसर से बचाव के लिए जरुरी एचपीवी का टीका

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जतिन कुमार चतुर्वेदी

(विश्व कैंसर दिवस पर विशेष)
हर साल लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिवस की थीम है- “क्लोज द केयर गैप”। यह थीम तीन साल के लिए निर्धारित की गई है।साल 2022 से 2024 तक इस दिवस की यही थीम रहेगी। एक अभियान के तौर पर इस थीम के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो पाएंगे और इसका प्रभाव भी देख पाएंगे।यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा वीरेन्द्र सिंह ने दी।उन्होंने बताया कि विश्व कैंसर दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को कैंसर की स्क्रीनिंग करवाने, इलाज करवाने और इससे बचाव के बारे में जानकारी देना है।
उन्होंने बताया कि कैंसर में शरीर के किसी भी भाग की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं।अगर हम महिलाओं में कैंसर की बात करे तो प्रजनन अंगों और स्तन का कैंसर देखने को मिलता है।प्रजनन अंगों का कैंसर मुख्यतः पाँच प्रकार का होता है – बच्चेदानी के मुंह का कैंसर(सर्वाइकल कैंसर), डिंबग्रंथि (ओवेरियन) कैंसर, गर्भाशय (यूट्राइन) कैंसर, वैजाइनल कैंसर(योनि का कैंसर) और प्रजनन अंग के बाहरी भाग (वुलवर) काकैंसर।
भारत में स्तन कैंसर के बाद बाद होने वाला दूसरा प्रमुख कैंसर सर्वाइल कैंसर है।सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस(एचपीवी) के संक्रमण के कारण होता है।समय पर इसकी जांच होने की स्थिति में और टीकाकरण के माध्यम से इसका पूरी तरह से इलाज संभव है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 30 से 60 साल की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए समय-समय पर जांच करवानी चाहिए।इसके साथ ही नौ से 14 वर्ष की आयु वर्ग की किशोरियों को इससे बचाव के लिए एचपीवी के दो टीके छह-छह माह के अंतराल पर जरूर लगवाना चाहिए। शारीरिक सम्बंध बनाने के दौरान रक्तस्राव, दो माहवारियों के बीच में अचानक रक्तस्राव होना या मासिक धर्म स्थाई रूप से बंद होने के बाद रक्त स्राव होना, संभोग के बाद खून या पानी आना, पीठ या पेड़ू में लगातार दर्द बना रहना।इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो शीघ्र ही चिकित्सक से इलाज कराएं या अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता या एएनएम से संपर्क करें । जांच कराने के लिए लक्षणों का इंतजार न करें ।
डा. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर के कारण हैं- 18 साल की आयु पूर्व शारीरिक सम्बंध बनाना, एक से अधिक लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाना, यौन रोगों का व्यक्तिगत इतिहास, कम अंतराल में एक से अधिक गर्भ धारण, , कमजोर प्रतिरक्षण प्रणाली और धूम्रपान या तंबाकू का सेवन ।
कैंसर से बचाव के लिए समय पर एचपीवी वैक्सीन लगवाने के साथ-साथ वजन नियंत्रित करना, संतुलित और पौष्टिक भोजन करना, धूम्रपान से परहेज करना, सुरक्षित यौन संबंध बनाना और नियमित व्यायाम करना चाहिए।सर्वाकल कैंसर की नियमित स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डीएस अस्थाना ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर की प्री स्क्रीनिंग की सुविधा जिला अस्पताल, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है।
राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5(2019-21) के आँकड़ों पर नजर डालें तो जनपद में 30 से 49 साल की केवल 1.4 फीसद महिलाओं ने सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग कराई है जबकि दशमलव दो फीसद महिलाओं ने स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग करायी है


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