न्यूज़ हरदोई:जनपद में मनाया गया विश्व हाईपरटेंशन दिवस

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जतिन कुमार चतुर्वेदी

विश्व हाईपरटेंशन(उच्च रक्तचाप) दिवस के मौके पर नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एण्ड कंट्रोल ऑफ कैंसर डायबिटीज, कार्डियोवस्कुलर डिजीज एंड स्ट्रोक(एनपीसीडीसीएस) के तहत बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में गोष्ठी आयोजित हुई।गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि लोगों को उच्च रक्तचाप के कारणों और बचाव के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 17 मई को विश्व हाईपरटेंशन दिवस मनाया जाता है।इस साल दिवस की थीम है – रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहें।उन्होंने बताया कि जब रक्त वाहिनियों में रक्त सामान्य से अधिक दबाव से संचारित होता है तो उसे उच्च रक्तचाप कहते हैं।

जिसके कारण हृदय को रक्त संचारित करने के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है जिससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है।उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलरभी कहा जाता है क्योंकि यह बिना किसी चेतावनी के होता है।इसलिए 30 साल और उससे अधिक आयु के सभी लोगों को साल में कम से कम एक बार उच्च रक्तचाप की जांच अवश्य करानी चाहिए।
यदि रक्तचाप नियंत्रित नहीं किया जाता है तो इससे रक्त वाहिकाएं, हृदय एवं शरीर के अन्य अंग जैसे दिमाग, गुर्दे और आँखों को नुकसान पहुँच सकता है।लगातार उच्च रक्तचाप जीवन के लिए घातक हो सकता है।इससे लकवा, मधुमेह, गुर्दे के रोग हो सकते हैं।
इस मौके पर एनपीसीडीसीएस अर्थात गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डा. सुशील कुमार ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मुख्य उद्देश्य गैर संचारी रोगों की पहचान कर व्यक्ति की परिस्थिति के अनुसार उनका प्रारम्भिक इलाज करना या उन्हें उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर रेफ़र करना।आशा कार्यकर्ता द्वारा घर- घर भ्रमण कर 30 साल से ऊपर के व्यक्तियों का हाइपरटेंशन डायबिटीज की जानकारी हासिल कर सीबैक फॉर्म भरा जाता है और और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर यह फॉर्म जमा करा जाता है।उसके बाद हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर नियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी फॉलो अप कर उनकी जांच करते हैं और इलाज शुरू करते हैं।
उन्होंने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति का रक्तचाप 120/80 होता है।यदि यह 140/90 या इससे अधिक होता है तो यह सेहत के लिए ठीक नहीं होता है।

अनियमित खान-पान जैसे अधिक नमक, वसा का सेवन, सब्जियों और फलों का कम प्रयोग, आरामदायक जीवन, मधुमेह, गुर्दे की बीमारी, रक्तचाप की बीमारी का पारिवारिक इतिहास, एल्कोहॉल, धूम्रपान आदि उच्च रक्तचाप के कारण हैं | कभी कभी कुछ दवाओं के सेवन से भी उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है | इसके अलावा अत्यधिक वजन होना, तनाव चिंता आदि भी इसके कारणों में से एक हैं |
उच्च रक्तचाप के लक्षण हैं – नींद न आना, सिर में तेज दर्द होना, चिंता होना, नाक से खून बहना आदि |
इससे बचाव के लिए जरूरी है कि पर्याप्त नींद लें | नमक का कम से कम सेवन करें | एल्कोहॉल का सेवन और तंबाकू या तंबाकू के किसी भी उत्पाद का सेवन न करें | नियमित व्यायाम और योग करें | चिंता और तनाव न लें | वजन नियंत्रित करें | संतुलित एवं पौष्टिक भोजन का सेवन करें |
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के अनुसार जिले में 15 साल से अधिक उम्र की 4.4 प्रतिशत महिलाएं मध्यम उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से पीड़ित हैं। इसके अलावा 18.1 प्रतिशत महिलाएं गंभीर उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं जो कि इसे नियंत्रित करने के लिए दवाओं का सेवन कर रही हैं । इसी तरह यदि पुरुषों की बात करें तो जिले के 15 साल से अधिक उम्र के 4.3 प्रतिशत पुरुष मध्यम उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से पीड़ित हैं। इसके अलावा लगभग 20 प्रतिशत पुरुष गंभीर उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं और उच्च रक्तचाप नियंत्रण के लिए दवाओं का सेवन कर रहे हैं |
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल कुमार पंकज, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक सुजीत सिंह, एपिडेमियोलाजिस्ट डा.सी.बी. सिंह, एफ.एल.सी. नीरज कुमार गुप्ता, सी.एच.ओ. उदय सिंह तथा कार्यालय के समस्त अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
इसी क्रम में जिला चिकित्सालय तथा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर वृहद शिविरों का आयोजन किया गया जिसमे हाइपरटेंशन व डायबिटीज की निःशुल्क जांच व दवा वितरित की गयी ।


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