छात्र और शिक्षकों के समग्र उन्नति के लिए है नई शिक्षा नीति

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डॉ अजय ओझा।

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री का लोकसभा में जवाब ।

सामाजिक विज्ञान की पाठ्य पुस्तकों में किया गया है संशोधन।

रांची सांसद के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने बताया।

रांची, 4 अगस्त । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के लिए कई प्रकार के कार्य हो रहे हैं। इस शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों की समग्र उन्नति है। यह कार्यान्वयन योजना 8 अप्रैल 2021 को जारी की गई थी और एनईपी यानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रत्येक सिफारिश को 297 कार्यों के साथ-साथ कई जिम्मेदार एजेंसियों समय सीमाओं और चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किए जाने वाले 304 परिणामों के साथ जोड़ने की दिशा में काम हो रहा है।

उक्त आशय की जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने लोकसभा में सांसद श्री संजय सेठ के सवाल के जवाब में दी।
सांसद ने नई शिक्षा नीति से संबंधित सवाल लोकसभा में रखे थे और पूछा था कि बच्चों को जो गैर तथ्यात्मक इतिहास पढ़ाया जा रहा है, उसे हटाने का कोई प्रस्ताव है क्या।

इसी के जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति छात्रों के सर्वांगीण विकास और समग्र उन्नति के उद्देश्य से लाई गई है। जिसके लिए कई प्रकार की संस्थाएं काम कर रही हैं। सांसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कोरोना की स्थिति के कारण स्कूल जाने वाले दिनों में इस क्षेत्र में नुकसान हुआ है। कार्य प्रभावित हुए हैं। एनसीईआरटी द्वारा इतिहास सहित विभिन्न क्षेत्रों में सामग्री की अधिकता को युक्तिसंगत बनाने की कवायद शुरू की गई है। पाठ्यक्रमों को देखने के लिए सामाजिक विज्ञान के सभी विषयों में विशेषज्ञ की समितियों का गठन किया गया है। यह भी विचार चल रहा है कि जो भी इतिहास में बच्चों को पढ़ाएं, वो युक्तिसंगत हो। तर्कसंगत हो। इसी के तहत सामाजिक विज्ञान के कुछ पाठ्य पुस्तकों को संशोधित किया गया है। उनकी छपाई फिर से हो इसके लिए उन्हें भेजा गया है।


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