यीशु का जन्म परमेश्वर के महान प्रेम का प्रतीक: बिशप आर.बी. लाल

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यीशु दरबार चर्च परिसर में सजी यीशु जन्मोत्सव की झांकियाँ।

नैनी, प्रयागराज। सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के यीशु दरबार चर्च परिसर में जगह- जगह यीशु जन्मोत्सव की झांकियाँ सजायी गई हैं। मुक्तिदाता प्रभु यीशु मसीह के आगमन को लेकर हर्ष का माहौल है। यीशु दरबार चर्च को भी सभी ने मिलकर सजाया है जहाँ शआट्स कुलपति एवं यीशु दरबार चर्च के बिशप मोस्ट रेव्ह. प्रो0 राजेन्द्र बी. लाल सभा को सम्बोधित करेंगे। यीशु दरबार चर्च सभा को यू-ट्यूब के माध्यम से आनलाईन प्रसारित किया जायेगा। कोविड-19 के कारण आनलाईन माध्यम से अनुयाईगण शामिल होंगे। झांकियों में यीशु जन्म के समय तारा का चमकना, चरनी में प्रभु यीशु का जन्म, यीशु जन्म के समय भविष्यवाणी आदि प्रमुख हैं।
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बिशप मोस्ट रेव्ह प्रो0 राजेन्द्र बी. लाल ने अपने संदेश में कहा कि यीशु का जन्म परमेश्वर के महान प्रेम का प्रतीक है। सृष्टि का रचना करने वाला प्रभु धरती पर मनुष्य के मध्य आया और जितनों ने उसे पहचाना व ग्रहण किया उसे उसने परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया। बिशप लाल ने कहा कि यीशु मसीह पूर्णतः पाप से रहित था परन्तु उसने हमारे पापों के दंड को अपने ऊपर ले लिया। यीशु नाम का अर्थ है ‘छुड़ानेवाला’ और मसीह का अर्थ है ‘अभिषिक्त’, अर्थात परमेश्वर के द्वारा अभिषिक्त छुड़ानेवाला। पाप के दण्ड से छुटकारा देने वाला, परमेश्वर का अभिषिक्त।
बिशप यीशु दरबार चर्च ने कहा कि बाइबल के अनुसार यीशु का इस संसार में देह धारण, परमेश्वर के द्वारा मनुष्य में अपनी समानता और स्वरूप को लौटाना है। यीशु का जन्म, परमेश्वर की आत्मा के द्वारा मनुष्य को एक नया जीवन और एक नया स्वभाव देता है। यीशु मसीह को अपने हृदय में बुलायें, वो आपको एक नया जीवन दान देगा और आप एक नई सृष्टि बन जायेंगे।


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