मध्य प्रदेश न्यूज़ :शिवराज का शिव अवतार…?आखिर क्यों है एक्शन मोड में

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( विशेष खबर)
आलोक एम इंदौरिया ।

भोपाल/ शांत रहकर राजनीति करने वाले ,मगर राजनीतिक पत्तों को बेहतरीन तरीके से फेंकने में माहिर, जिनका कोई विकल्प फिलवक्त मध्य प्रदेश की भा जा पा के पास नहीं है, यानी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिस तरह आजकल तल्ख़ी के साथ प्रशासन से पेश आ रहे हैं और बिना किसी मुरब्बत के कठोर निर्णय ले रहे हैं आखिर उनके इस एक्शन मोड के मायने क्या है ?शिवराज को शिव अवतार लेने की जरूरत क्यों पड़ी ? राजनीति के साथ-साथ प्रशासनिक वीथिकाओं में इन दिनों इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है! शिवराज के अचानक इन दिनो दिख रहे तल्ख तेवर और मधुर की जगह बेहद कड़क बोली के राजनीतिक मायने टटोले जा रहे हैं।

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का इन दिनो शिव अवतार वाला रूप जनता जनार्दन के सामने आना, और मीडिया के द्वारा उनके इस नवीन रूप को आम जनता तक पहुंचाए जाने के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर शिवराज को हर बार की तरह एक नया रूप लेकर अवतरित होने की जरूरत क्यों पड़ी ? यह सवाल इस कारण से भी चर्चाओं में है की शिवराज की राजनीति की स्टाइल ऐसी कभी नहीं थी !दरअसल विगत कुछ दिनों से शिवराज ने जिस तरह से प्रशासन को नाथने के लिए शिव अवतार वाला रूप अपनाया है, सरेआम मंच से अफसरों की धूल उतारकर उन्हें पवेलियन में पहुंचाया है,,वह देशव्यापी चर्चा का विषय बना हुआ है ! यह इस कारण कि शिवराज का मिजाज इस तरह का नहीं था मगर वे बर खिलाफ अपने मिजाज के न जाने क्यों ऐसा कर रहे हैं! अब यह करना सियासी मजबूरी है या फिर जरूरत इसे लेकर राजनीति की प्रयोगशालाओं में टेस्टिंग जारी है।

दरअसल मामला कुछ यूं है कि इन दिनों मध्य प्रदेश के मामा यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक अलग तरह के रोल मे नमूदार हो रहे हैं और वह रोल है नायक फिल्म के अनिल कपूर जैसा !अभी बीते दिनों जिस तरह उन्होंने इंदौर के एडीएम को हटाया वह चर्चा में तो रहा मगर जिस तरह उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और मंच से इस बात को कठोरता से कहा वह अंतिम छोर तक पंहुचा!इसके पूर्व व योगी की तरह कभी बुलडोजर बाबा के अवतार में दिखाई दिए और बलात्कारियों और गुंडों के के अवैध कब्जे पर उन्होंने बुलडोजर चलाकर तालियां भी ठुकावाईं! मुख्यमंत्री जन अभियान में उन्होंने जिस तरह अफसरों की वाट लगाईयो उससे नौकरशाही में सन्नाटा खिंच गया !एक कलेक्टर और एसपी को उन्होंने भोपाल का रास्ता पकड़ा कल खलबली मचा दी !नशे के खिलाफ कमरतोड़ कारवाही का अभियान शुरू कराया वही इंदौर के भारी पहुंच वाले एक पुलिस इंस्पेक्टर को उन्होंने न केवल सस्पेंड किया बल्कि उज्जैन अटैच किया! हां यह बात और है कि उन्हें सस्पेंड करने में पूरे 24 घंटे लग गए जबकि अखिल भारतीय सेवा के अफसर को मंच से ही चलता कर दिया गया !अहम सवाल ये है कि आखिर शिवराज को यह सब करने की जरूरत क्यों पड़ी! जब प्रशासन उनका है जिलों की कमान संभालने वाली इसी सरकार के नुमाइंदे हैं फिर उनके साथ सख्ती बरतने की जरूरत क्या है ?क्या बे काम नहीं कर रहे और यदि कर नहीं रहे तो उनकी पोस्टिंग क्यों की गई ?आखिर शिवराज को शिव अवतार लेने की जरूरत क्यों पड़ी?

दरअसल शिवराज अब पूरी तरह चुनावी मूड में है और प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय गृहमंत्री के लगातार दौरों के बाद उनके नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने की हरी झंडी मिल गई है! जाहिर सी बात है की चुनाव में मध्यप्रदेश की भाजपा को सत्ता में लाने के लिए ठोस काम करने होंगे और शिवराज ने वही किया! शिवराज की इमेज मध्य प्रदेश की अवाम में एक भले और सरल व्यक्ति की है जिसे कोई नकार नहीं सकता ! यह सच है कि प्रदेश में आम जनता अपने जायज कामों के लिए न केवल हैरान परेशान थी बल्कि विकास भी सिर्फ कागजों में था! लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा था और ना ही इंफ्रास्ट्रक्चर भी ठीक हो पा रहा था ! यह फीडबैक शिवराज के पास अलग-अलग माध्यम से पहुंचा भी होगा ! बस इन्हीं तमाम बातों के मद्देनजर उन्होंने मध्यप्रदेश में उत्तर प्रदेश के योगी बाबा वाला चेहरा अपना लिया और शिवराज मामा से सीधे शिव अवतार बन गए !जिस ताबड़तोड़ तरीके से उन्होंने सार्वजनिक हित में कार्यवाही की और सभी मीडिया ने इसे प्रचारित भी किया उसने रातों-रात शिवराज की इमेज बदलकर उन्हें खासकर गरीब, ग्रामीण, वंचित शोषित और दलितों के बीच रॉबिनहुड बना दिया !विशेषकर उनके आन स्पाट लिए जाने वाले तत्काल फैसलों ने उन्हें हीरो ही साबित कर दिया! इसके साथ उन्होंने इस तीर से जो बड़ा शिकार किया वह था पार्टी में खिलाफत करने वाले एक खास तबके का उन्होंने इन सख्त कार्यवाहियों से मुंह बंद कर दिया ! जिस तरह से प्रदेश के कुछ नेता ने सीएम बदलने की अघोषित मुहिम चला रखी थी शिवराज के बुलडोजर अवतार ने उस मुहिम को भी रोक दिया इन दिनों मीडिया में शिवराज के बदले जाने की कोई खबर ना होना हमारी इस बात को सत्यापित करता है।

बरहाल मध्यप्रदेश में पिछले डेढ माह की ताबड़तोड़ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई ने शिवराज के डाउन ग्राफ को अचानक शेयर बाजार के सेंसेक्स की तरह उछाल कर ऊंचाइयों पर स्थापित कर दिया है ! और इसका प्रभाव विधानसभा चुनावों में मिलेगा इसमें कोई संदेह नहीं है! शर्त यह है की कार्रवाइयों का यह टेंपो इसी तरह बना रहना चाहिए! जिस तरह से प्रशासन और पुलिस को टाइट कर रहे हैं उससे उनका वह वोटर जो सरकार बनाता और बिगड़ता है, बेहद खुश है क्योंकि कहीं ना कहीं वह वोटर सरकारी कर्मचारियों की अलाली से खासा नाराज भी है !अब यह तबका प्रभावित होकर क्या भाजपा का वोट बनेगा ?और जो नया तबका प्रभावित हो रहा है क्या वह भी भाजपा के कमल पर बटन दबायेगा यह वो यक्ष है जिसका उत्तर मिलने मे समय लगेगा पर इतना तय है कि इस नयी इमेज को जनता माई बाप बेहद पसंद कर रही है ।


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