संकट में दिहाड़ी श्रमिकों का सहारा बनी योगी सरकार
अब तक करीब 23.58 लाख श्रमिकों को 230.75 करोड़ रुपये का भुगतान
निर्माण कार्य में लगे श्रमिक,शहर और गांव में रहने वाले ठेला एवं खोमचे वाले प्राथमिकता में
लखनऊ : कोरोना के मौजूदा संकट में योगी सरकार दिहाड़ी श्रमिकों का सहारा बन कर उभरी है। यूं तो सरकार की प्राथमिकता में सभी जरूरतमंद हैं। इनके लिए कम्यूनिटी किचन और अन्य माध्यमों से भोजन एवं जरूरी चीजें लगातार मुहैया कराई जा रही हैं, पर निर्माण कार्य में जुड़े श्रमिक, शहर और गांव में ठेला और खोमचा लगाकर रोज गुजारा करने वाले सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। लॉकडाउन के बाद से सरकार इनके खातों में एक हजार रुपये की दर से अब तक 230.75 करोड़ रुपये भेज चुकी है। इनमें से अधिकांश वह लोग हैं जो सरकार की किसी भी लाभार्थी परक योजनाओं से संतृप्त नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन होने के साथ ही सर्वाधिक मार इन्हीं तबकों पर पड़ी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इन लाखों लोगों के संकट का पता था। लिहाजा तुरंत इसका संज्ञान लिया। इस वर्ग के लोगों की तलाश और इनके खाते में एक हजार रुपये भेजने की जिम्मेदारी उन्होंने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी)आलोक टंडन की अध्यक्षता में गठित कमेटी को सौंपी। यह कमेटी भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित टीम-11 में से एक है।