एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय एवं गोवा विश्वविद्यालय ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का किया आयोजन

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डॉ अजय ओझा।

रांची, 21 फरवरी । एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय व गोवा विश्वविद्यालय ने अकादमिक व सांस्कृतिक आदान प्रदान का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

सीयूजे के ब्रांबे परिसर में 17 जनवरी से आयोजित कार्यक्रम का समापना हुआ, जिसके तहत गोवा विश्वविद्यालय से आए प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रो पूर्वा हेगड़े, डा अरविंद हल्दंकर, चिन्मय घेसस ने सीयूजे औऱ झारखंड की काफी प्रशंसा की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने बिरसा मुंडा के जन्मस्थली का भी भ्रमण किया साथ ही भगवान बिरसा के वंशजों से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भगवान बिरसा की स्वतंत्रा संग्राम में योगदान के बारे में परिजनो से विस्तार में जाना। इन चार दिनों में प्रतिनिधिमंडल ने बोकारो, दुमका, डाल्टनगंज जिले का भ्रमण किया और झारखंड की संस्कृति को नजदीक से जानने की कोशिश की। भ्रमण के बाद उन्होंने सीयूजे के छात्रों से अपना अनुभव साझा किया औऱ बताया की गोवा और झारखंड एक दूसरे से कैसे भिन्न होते हुए भी सांस्कृतिक तौर पर एक हैं क्योंकि दोनों राज्य विशाल सांस्कृतिक धरोहर को अपने में समेटे हुए है। प्रो पूर्वा हेगड़े ने बताया की झारखंड के आदिवासी काफी अनुशासित जीवन जी रहे हैं जिसे देखकर काफी खुशी हुई। वहीं आज आखरी दिन सीयूजे के ब्रांबे सभागार में अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया जिसमें सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने सभी प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। अपने संबोधन में कुलपति ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से देश की संस्कृति का विस्तार होता है। एक राज्य दूसरे राज्य की अकादमिक व सांस्कृतिक महत्ता को समझ पाता है। ऐसे आयोजनों से छात्रों को काफी कुछ सीखने को मौका मिलेगा। इसी कड़ी में अब छात्रों का दल गोवा से सीयूजे आएगा और हमारे छात्र गोवा जाएंगे।

सीयूजे की एक भारत श्रेष्ठ भारत की टीम का धन्यवाद करते हुए कुलपति ने कहा कि भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जायेगा। कार्यक्रम में डा सिंह, डा राजेश कुमार समते कई शिक्षक, अधिकारी,कर्मचारी व छात्र शामिल हुए।


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