“मूर्ति विसर्जन को लेकर जिलाधिकारी का अवमानना याचिका के संदर्भ में काउंटर हलफनामा निराधार साबित होगा” पी के राय
जयति भट्टाचार्य।
प्रयागराज। पूजा के मूर्ति विसर्जन स्थल को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 2014 और 2015 के आदेशों के पारित किए जाने के बावजूद भी जिलाधिकारी, प्रयागराज ने जबरिया मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रम को अंधावा के गन्दे तलाव में करवा कर ना केवल न्यायालय के पूर्व के दो आदेशो का उलंघन किया बल्कि साथ में Central Pollution Control Board के दवारा पारित गाइडलाइंस की अनुपालन को जानबूझ कर नजरंदाज किया गया था।

मूर्ति विसर्जन के स्थल परिवर्तन के मामले को गंभीरता से लेते हुए बंगाली वेलफेयर एसोसिएशन और परशुराम ब्राह्मण सभा, उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष ने जिला प्रशासन के मूर्ति विसर्जन को लेकर एकतरफा रवैए को लेकर अवमानना याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल किया हुआ है।

अवमानना याचिका के संदर्भ में जिलाधिकारी के काउंटर हलफनामा में कहीं भी उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में पारित आदेशों का कोई हवाला दिया गया बल्कि यह कहा गया है उक्त आदेश का समय सीमा खतम हो चुका है जब कि 2015 के आदेश में माननीय कोर्ट ने मूर्ति विसर्जन को काली सड़क के कृत्रिम तलाव में भविष्य मे मूर्ति विसर्जन की बात कह चुके है।
1दिसंबर 2020 को रेजोइंडर दाखिल करने का आदेश हो चुका है और अधिवक्ता श्री विजय चन्द्र और अधिवक्ता सुनीता शर्मा के अगुवाई में रेजॉइंडर की ड्राफ्टिंग प्रगति पर है जिसे निर्धारित तिथि में जमा किया जाएगा।
संलग्न तस्वीर से पता चल रहा है जिला प्रशसन ने मूर्ति विसर्जन का काम गंदे तलाव में करवाए था जिस कारण भक्तो का आस्था पर चोट पहुंचा था।