रांची यूनिवर्सिटी द्वारा साइबर सिक्योरिटी विषय पर पाठ्यक्रम आरंभ करना अच्छी पहल : राज्यपाल

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डॉ अजय ओझा।।

रांची, 12 अगस्त । राँची विश्वविद्यालय, राँची द्वारा साइबर सिक्योरिटी विषय पर पाठ्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस ने संबोधित करते हुए कहा कि राँची विश्वविद्यालय में साइबर सिक्योरिटी पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया जाना अत्यंत हर्ष का विषय है और इसके लिए मैं राँची विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देता हूँ। सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रांति और सुरक्षा से जुड़े मामलों की निरंतर बढ़ती मांग को देखते हुए साइबर सुरक्षा की दिशा में गंभीरतापूर्वक सोचना आज के दौर में बहुत जरूरी है।

आज दुनिया पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर है। साइबर क्राइम भी खूब तेजी से बढ़ रहा है और इसे कम करने के लिए साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की मांग निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में राँची विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में ध्यान दिया जाना एक सराहनीय प्रयास है। यह पाठ्यक्रम एक ओर जहाँ रोजगार का बेहतर अवसर प्रदान करने में सक्षम हो सकेगा, वहीं दूसरी ओर साइबर क्राइम जैसे वैश्विक चुनौती पर नियंत्रण करने के अलावा लोगों को इस संदर्भ में जागरूक करने में भी अहम योगदान देगा।

राज्यपाल ने कहा कि साइबर सुरक्षा का पहला उद्देश्य मानव को इंटरनेट पर सुरक्षा प्रदान करना है क्योंकि इंटरनेट द्वारा जितना मानव जीवन को आसान बनाने की क्षमता है और यह फायदा पहुंचाता है, उतना ही यह नुकसान पहुँचा सकता है। ऑनलाइन धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग, हैकिंग आदि समस्याएं आम हो गई हैं। लोगों के खाते से पैसे कुछ ही क्षण में फोन कॉल से निकाले जा रहे हैं, के०वाई०सी० अपडेट, एकाउंट ब्लॉक की बात कह कर लोगों से साइबर अपराधी ए०टी०एम० का पिन, ओ०टी०पी० माँगने की कोशिश करते हैं। लोग इन अपराधियों के झांसे में आ जाते हैं और उनके बैंक खाते से राशि निकाल ली जाती है। इनाम के नाम पर भी लोग साइबर ठगी का शिकार होते हैं। साइबर अपराधी इनाम जीतने संबंधी लिंक भेजते हैं और लोग लालच में उस लिंक पर जाकर साइबर अपराधी के अनुसार काम करने लगते हैं। आज हम ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, ई-पेमेंट करते हैं। इसके लिए सतर्कता बेहद जरूरी है।

साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम में इन सब पर गहन शोध की जरूरत है। उच्च स्तरीय वैज्ञानिक शोध के माध्यम से साइबर क्राइम जैसे चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। आजादी के अमृत महोत्सव पर साइबर क्राइम में संलिप्त लोगों की मानसिक क्षमता का मानव हित में सदुपयोग करने की कोशिश होना चाहिये।

उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि राँची विश्वविद्यालय इस महत्वपूर्ण जिम्मेवारी को गंभीरतापूर्वक निभाकर पूरे मानव समाज को लाभ प्रदान करेगा। एक बार पुनः राँची विश्वविद्यालय को साइबर सुरक्षा पर पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए बधाई।
जय हिन्द! जय झारखंड!


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