उत्तर प्रदेश में महिलाएं की बदलती तस्वीर

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संदीप मित्र।

रानी लक्ष्‍मीबाई

चाहे युग कोई सा आए, मैं ही जगत जननी कहलाउंगी। दुनिया के इस कठिन मंच पर, अपना शौर्य पराक्रम मैं दिखलाउंगी। कठपुतली नहीं किसी खेल की, अपने आचंल से मैं दुनिया में परचम लहराउंगी। चाहे युग कोई भी आए मैं रानी लक्ष्‍मीबाई ही कहलाउंगी…

लखनऊ, 19 नवंबर19 नवंबर की तारीख देश की स्‍वर्णिम तारीखों में से एक है। ये वो दिन है जब रानी लक्ष्‍मीबाई का जन्‍म हुआ। ये नाम पूरी दुनिया में नारी अस्मिता का प्रतीक बनकर उभरा। वीरता, साहस, पराक्रम, शौर्य से दुनिया के पटल पर वीरगाथा लिखने वाली रानी लक्ष्‍मीबाई आज भी महिलाओं की प्रेरणास्रोत हैं। जोशीले अंदाज बुलंद आवाज से ब्र‍िटिश साम्राज्‍य की नींव हिलाने वाली रानी लक्ष्‍मीबाई की हुंकार ने उस समय बच्‍चे बच्‍चे में हिम्‍मत भर दी थी

निडरता का पाठ पढ़ाने और अमरत्‍व की राह दिखाने वाली रानी लक्ष्‍मीबाई को अपनी प्रेरणा मानने वाली उत्‍तर प्रदेश की महिलाएं आज मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के मिशन शक्ति अभियान के तहत नारी सुरक्षा, सम्‍मान और स्‍वावलंबन की इस मुहिम में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।

वक्‍त की करवट के साथ नारी के सामने आने वाली चुनौतियों ने भी करवट ली पर प्रदेश सरकार की स्‍वर्णिम योजनाओं महिलाओं की ढाल बनी। आज प्रदेश में महिला किसान हो या महिला व्‍यापारी, शिक्षिका हो या महिला खिलाड़ी, गृहणी हो या नौकरीपेशा से जुड़ी महिलाएं सभी को यूपी सरकार की योजनाओं से सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है जिससे वो आज सम्‍मान के साथ जीवन जी रही हैं।

एथलीट सुधा सिंह

महिला खिलाड़ियों को पहनाई मान की पगड़ी
रायबरेली की एथलीट सुधा सिंह साल 1997 से खेल के मैदान में उतरी। यूपी की इस बेटी ने नेशनल इंटरनेशनल खेलों में कई गोल्‍ड और सिल्‍वर पदकों को जीत प्रदेश को गौरान्वित किया है। अर्जुन अवार्ड, रानी लक्ष्‍मीबाई अवॉर्ड और यश भारती अवार्ड से सम्‍मानित सुधा ने 45 नेशनल और 15 इंटरनेशनल मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। चाइना में एशियन चैपिंयनशीप में सिल्‍वर मेडल जीतने वाली सुधा ने एशियन गेम्‍स में गोल्‍ड अवॉर्ड जीत चुकी हैं। उन्‍होंने कहा कि “मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की मिशन शक्ति मुहिम रंग ला रही है। मेजर ध्यानचंद योजना के तहत खिलाड़ियों के घर तक पक्‍की सड़क का निर्माण हो या पेंशन की सुविधा समेत सम्‍मान राशि को दोगुना करने की बात हो यूपी सरकार ने असल मायनों में महिला खिलाड़ियों को मान की पगड़ी पहनाई है।”

ओडीओपी के तहत महिलाओं को दिखाई दिशा
गरीब बेटियों की शिक्षा हो या गरीब महिलाओं को स्‍वावलंबी बनाना, यूपी सरकार की मदद से ये काम फिक्‍की फ्लो लखनऊ कानपुर चैप्‍टर की पूर्व चेयरपर्सन रेनूका टंडन बखूबी कर रही हैं। साल 2001 में व्‍यपार से जुड़ने वाली रेनूका ने लघुकुटीर उद्योग से 15 हजार महिलाओं को रोजगार की मुख्‍यधारा से जोड़ा। ओडीओपी के तहत साल 2018 में अवध शिल्‍प ग्राम में यूपी की महिला शिल्‍पकारों और कारीगरों के काम को पहचान दिलाने संग उनके उत्‍पादों को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय मंच पर पहचान दिलवाई है। यूपी की विधवा महिलाओं को स्‍कूल यूनिफॉर्म बनाने की ट्रेनिंग दिलवाई जिससे वो अब 5000 हजार से 10,000 तक की बिक्री कर रही हैं। राजधानी में मिशन शक्ति के तहत रेड ब्रिगेड के साथ मिलकर 250 स्‍कूलों की छात्राओं को सेल्‍फ डिफेंस की ऑनलाइन ऑफलाइन प्रशिक्षण दे रही हैं।

ग्रामीण महिलाओं के आंगन में आई खुशियां
ग्रामीण महिलाओं को स्‍वावलंबी बनाना हो या शिक्षा के क्षेत्र से ग्रामीण बेटियों को जोड़ना मोहनलालगंज ब्‍लॉक की केशव कुमारी ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में रोशनी बिखरने का काम कर रही है। प्रियंका स्‍वंय सहायता समूह से गांव की दस हजार महिलाओं को जोड़ पशुपालन, पोषण वाटिका, जैविक खेती, सिलाई, पेंटिंग और डिजाइनर साड़ी बनाने जैसे कार्यों का प्रशिक्षण देकर रोजगार के नए अवसर महिलाओं को दिखाए हैं। योगी सरकार के मिशन शक्ति के तहत गांव की बेटियों को स्किल डेवलमेंट की ट्रेनिंग, गरीब बेटियों का विवाह, शिक्षा और उनकी सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं। उन्‍होंने बताया कि शुरूआत में जहां बतौर गृहणी मेरी शून्‍य आय थी लेकिन पशुपालन के बाद जब धीरे-धीरे अन्‍य काम किए तो आज मेरी मासिक आय 30,000 रुपए हो गई है। गांव में महिलाओं के 18 स्‍वयं सहायता समूह ने त्‍योहार के दौरान दीयों और मोम्‍बत्‍ती बनाकर एक एक लाख रुपए की बिक्री की है।

बीस सालों से महिला सशक्तिकरण के लिए कर रही काम
जौनपुर की समाजसेवी सीमा सिंह ने लखनऊ समेत जौनपुर में महिलाओं बेटियों को शिक्षा रोजगार और सुरक्षा के लिए पिछले बीस सालों से काम कर रही हैं।

डाक्टर सीमा सिंह

उन्‍होने बताया कि गैर सरकारी संस्‍थाओं के साथ मिलकर विकलांग महिलाओं तक सरकारी मदद मुहैया कराने संग गरीब बेटियों का प्राथमिक स्‍कूलों में दाखिले से लेकर महिलाओं को लघु कुटीर उद्योग से जोड़ उनकी सुरक्षा, स्‍वावलंबन और सम्‍मान के लिए हमारी टीम काम कर रही है। मिशन शक्ति के तहत 1500 बेटियों को सेल्‍फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने संग गांव की महिलाओं को सेहत के प्रति जागरूक कर रही हूं।


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