भारत में बढ़ रही है मेल इनफर्टिलिटी

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जनसंख्या की नजर से देखा जाए तो भारत में पुरूषों की प्रजनन क्षमता अच्छी है। लेकिन अब भारत में बढ़ रही मेल इनफर्टिलिटी चिंता का कारण बनती जा रहा है। यूं तो 50 के बाद पुरूषों को पिता बनने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। परंतु आजकल पुरूषों को जवानी में ही मेल इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ रहा है। इसके कई कारण हैं।
आजकल यौन रोग यानि एसटीडी काफी बढ़ गई है। इसका मुख्य कारण है असुरक्षित यौन संबंध। यौन रोग से स्पर्म के बनने पर असर पड़ता है और स्पर्म का रास्ता भी ब्लाॅक हो सकता है।
एंटी स्पर्म एंटीबाॅडी स्पर्म के लिए क्षतिकारक इमियून सिस्टम सेल्स हैं जो शरीर में बने तो स्पर्म को खत्म करने की कोशिश करते हैं।
एक अन्य समस्या है वैरीकोसेल। इसमें अंडकोष से निकलने वाली नसें सूजने लगती हैं और मेल इनफर्टिलिटी को बढ़ाती है।
यौन संबंधों के दौरान यदि सीमेन बाहर निकलने के बजाय ब्लैडर के अंदर चला जाए तो पुरूषों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। इसे रेट्रोग्रेड इजेक्युलेशन कहते हैं।
परूषों के शरीर में टयूमर होने से पिटयूटरी ग्लैंड के जरिये गुप्तांग पर बुरा असर पड़ता है।
नोट – यह कोई डाॅक्टरी सलाह नहीं है। यह केवल घरेलू जानकारी पर आधारित है।


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