ब्रेकिंग सुल्तानपुर: फूट-फूट कर रोए दरोगा, महंगी पड़ी कोर्ट की अवहेलना, दरोगा के खिलाफ केस दर्ज कराने का आदेश

Share:

राहुल शर्मा।

कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना बाराबंकी में तैनात एक दरोगा को भारी पड़ गया। न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने के आदेश का उल्लंघन कर गायब हो जाने पर बुधवार को कोर्ट में पेश हुए दरोगा को अदालत ने कड़ी फटकार लगाई। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा ने दरोगा दुर्गा प्रसाद शुक्ल के खिलाफ पहले मुकदमा दर्ज कराने और फिर गवाही के लिए पेश करने का आदेश दिया। दरोगा का बचाव करने कोर्ट पहुंचे सीओ सिटी को भी न्यायाधीश ने फटकार लगाई। कहा, कोर्ट-कचहरी में ताला लगवा दीजिए।

लंभुआ कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से जुड़े छेड़छाड़ व गैर इरादतन हत्या के मामले में विवेचक रहे दरोगा दुर्गा प्रसाद शुक्ल का मुख्य बयान छह जून 2022 को कोर्ट में दर्ज किया गया था। जिरह के लिए कोर्ट ने दरोगा को हाजिर होने का दिया आदेश था। लेकिन दरोगा गवाही देने के लिए दो डेट पर कोर्ट नहीं आए। इस पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। बाराबंकी जिले के दरियाबाद एसओ के पद पर तैनात दुर्गा प्रसाद शुक्ल मंगलवार को गवाही देने के लिए शाम करीब चार बजे के बाद वे कोर्ट पहुंचे थे। इस पर स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा ने दरोगा की वारंट निरस्त करने के लिए दी गई अर्जी खारिज कर उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने दरोगा दुर्गा प्रसाद शुक्ल को न्यायिक अभिरक्षा में रखते हुए बुधवार को सुबह 10.30 बजे अदालत में पेश करने को कहा। लेकिन दरोगा न्यायिक अभिरक्षा से गायब हो गया। बुधवार को दरोगा स्वयं कोर्ट पहुंचने पर जज ने नाराजगी जताई और पहले दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और फिर उन्हें गवाही के लिए अदालत में पेश करने का आदेश दिया। दरोगा के बचाव में सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी, नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्यक्ष समेत कई पुलिस कर्मी अदालत पहुंचे। सीओ ने दरोगा को रियायत देने का अनुुरोध किया।

इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट-कचहरी में ताला लगवा दीजिए। कोर्ट ने दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उन्हें गवाही के पेश करने का निर्देश पुलिस को दिया। इसके बाद दरोगा को कोतवाली नगर ले जाया गया। शाम करीब तीन बजे दोबारा दरोगा दुर्गा प्रसाद शुक्ल कोर्ट पहुंचे। उनके साथ अपर पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव भी थे। कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से दरोगा से जिरह की गई। कोर्ट ने जिरह पूरी हो जाने के बाद गैर जमानती वारंट को भवष्यि में ऐसी गलती दोबरा नहीं करने की चेतवानी देकर निरस्त कर दिया।

फूट-फूट कर रोए दरोगा
दोपहर बाद तीन बजे कोर्ट में गवाही देने पहुंचे दुर्गा प्रसाद शुक्ल फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने गवाही देने के दौरान रोते हुए अदालत से माफी मांगी। कहा, भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।

दिन भर न्यायिक व पुलिस अधिकारियों के घनघनाते रहे फोन। न्यायिक हिरासत से गायब होने वाले दरोगा दुर्गा प्रसाद शुक्ल के बचाव के लिए न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा के पास दिन भर न्यायिक व पुलिस अधिकारियों के फोन घनघनाते रहे। फोन करने वाले दरोगा पर रहम करने की बात कहते रहे। इस बात की जानकारी स्वयं न्यायाधीश ने भरी कोर्ट में वकीलों को दी। इसके अलावा दीवानी न्यायालय के कई वरिष्ठ अधिवक्ता भी कोर्ट पहुंचकर दरोगा की सिफारिश करते रहे।


Share: