सुल्तानपुर , लंभुआ, इसौली में भाजपा की स्थिति बेहद नाज़ुक

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सौरभ सिंह सोमवंशी।
लखनऊ। लंभुआ व इसौली में सपा बसपा, तो सुलतानपुर में भाजपा सपा की सीधी टक्कर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारतीय जनता पार्टी का सबसे प्रमुख मुद्दा रहा है परंतु अयोध्या से सटे सुल्तानपुर सीट भारतीय जनता पार्टी की स्थिति बेहद नाजुक दिख रही है अवध क्षेत्र के इस जनपद में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं जहां पर 4 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं जिसमें से लंभुआ, इसौली और सुल्तानपुर में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति नाजुक दिख रही है उसका कारण जातीय समनी राजनीति का प्रभाव। आइए एक-एक सीट का हाल चाल आपको बताते हैं।

इसौली विधानसभा सीट

यहां से मेनका गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दे चुके चंद्र भद्र सिंह सोनू के छोटे भाई यश भद्र सिंह मोनू मैदान में हैं वह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं यहां पर दलित वोटरों की संख्या 70,000 से अधिक है इसके पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में यश भद्र सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर तिरालिस हजार मत प्राप्त किए थे अब की बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार होने के कारण उनके साथ दलितों के एक बहुत बड़े वोट बैंक का साथ होना बताया जा रहा है दूसरी तरफ उनके सामने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद ताहिर खान है जो सुल्तानपुर के पूर्व सांसद भी रह चुके हैं परंतु जिस तरह से पूर्व विधायक का टिकट काटकर उनको दिया गया है वह आपसी गुटबाजी का शिकार हो गए हैं वहीं पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ओम प्रकाश बजरंगी का पिछला चुनाव भारतीय जनता पार्टी की लहर में भी ना जीतना चर्चा का विषय है और भारतीय जनता पार्टी का एक बहुत बड़ा वोट बैंक दलित वोटरों के जुड़ जाने के कारण यश भद्र सिंह मोनू को मजबूत मान रहा है और वह उनके साथ हैं इस तरह से इसौली विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सीधी टक्कर है।

लंभुआ विधानसभा क्षेत्र

लंभुआ विधानसभा से समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक संतोष पांडे को प्रत्याशी बनाया है तो बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके बाबू हनुमान सिंह के भतीजे डॉ अवनीश सिंह गुड्डू को प्रत्याशी बनाया है डॉ अवनीश सिंह गुड्डू सर्वाधिक शिक्षित प्रत्याशी हैं और पिछले 10 वर्षों से लंभुआ विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं उनका परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पृष्ठभूमि का रहा है उनके बड़े पिता बाबू हनुमान सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2002 और 2007 का चुनाव लड़ चुके हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने वर्तमान विधायक भारतीय रेलवे के पूर्व अधिकारी रहे देवमणि द्विवेदी का टिकट काटकर सुल्तानपुर जनपद की ही दूसरी विधानसभा जयसिंहपुर के वर्तमान विधायक को सीताराम वर्मा को टिकट दिया है सीताराम वर्मा जयसिंहपुर में लगातार विरोध का सामना कर रहे थे जिसके कारण उनको लंभुआ स्थानांतरित कर दिया गया देवमणि द्विवेदी का टिकट कटने से भारतीय जनता पार्टी के कई नेता नाराज तो कुछ खुश बताए जा रहे हैं। दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी को 2017 में पैंसठ हजार से अधिक मत प्राप्त हुए थे जिसमें से करीब 55000 मत दलित समाज के थे क्योंकि यहां पर सर्वाधिक पचासी हजार की संख्या में दलित हैं इसके अलावा बसपा प्रत्यासी के साथ मुस्लिम समाज और क्षत्रियों के लामबंद होने से यहां पर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सीधी टक्कर है भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को लगातार अंतर्द्वंद्व से जूझना पढ़ रहा है।

सुल्तानपुर

सुल्तानपुर में सबसे दिलचस्प विधानसभा चुनाव सुल्तानपुर शहर में लड़ा जा रहा है जहां से भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके और लंभुआ से विधायक रह चुके विनोद सिंह को प्रत्याशी बनाया है तो समाजवादी पार्टी ने शहर के व्यापारी अनूप संडा को प्रत्यासी बनाया है भाजपा प्रत्यासी विनोद सिंह लगातार अपना चुनाव प्रचार कर रहे है परंतु दो दिन पहले ही विनोद सिंह के सगे भाई और विधान परिषद सदस्य अशोक सिंह के समाजवादी पार्टी जॉइन करते ही सारा समीकरण ध्वस्त हो गया, क्यों इस बात का समाज में गलत संदेश गया, विनोद सिंह के खिलाफ उनके लंभुआ छोड़कर सुल्तानपुर से चुनाव लड़ना भी जा रहा है। लंभुआ की कई उनके पुराने साथी भी उनके खिलाफ लामबंद हैं और उनके विरोध में प्रचार कर रहे हैं। इसके अलावा वह क्षेत्र जो कभी इसौली में हुआ करते थे वहां पर आज भी चंद्रभद्र सिंह सोनू का प्रभाव होने से विनोद सिंह को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है रही सही कसर उनके सगे भाई अशोक सिंह ने बीच चुनाव में समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर के पूरी कर दी है। बावजूद इसके सुल्तानपुर विधानसभा में समाजवादी पार्टी और भाजपा की सीधी टक्कर देखते ही मुकाबला दिलचस्प हो गया।


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