आखिर कब गिरफ्तार होगा सुल्तानपुर का कागजी प्रबंधक संतोष

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सुल्तानपुर
सौरभ सिंह सोमवंशी

सुल्तानपुर में सिर्फ कागजों पर ही तीन तीन विद्यालय चलाकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाले चांदा थाना के अंतर्गत कोथरा कला के कागजी प्रबंधक संतोष कुमार सिंह के ऊपर अदालत के गैर जमानती वारंट के बाद एसटीएफ ने उसके घर छापा मारा परंतु उसकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई ।


20 साल तक कागज पर तीन स्कूल चलाकर लगाया है सरकार को करोड़ों का चूना

जिन तीन विद्यालयों का संचालन संतोष कुमार सिंह नाम का व्यक्ति करता था, वो कभी जमीन पर निर्मित ही नहीं हुए,और इनके नाम पर सुल्तानपुर के विधायक, सांसद और विधान परिषद सदस्यों ने लगभग 35 लाख रुपए तक दे दिए साथ ही साथ फर्जी कागजों के सहारे असहाय और गरीब बच्चों की करोड़ों की छात्रवृत्ति भी हजम कर ली गई और इन पैसों को अधिकारियों के द्वारा पास भी कर दिया गया इस तरह की अंधेर गर्दी सिर्फ और सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही देखी जा सकती है कहा जाता है कि संतोष कुमार सिंह सिर्फ और सिर्फ पैसे के लिए कागजों पर विद्यालय का निर्माण कर अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जनप्रतिनिधियों से पैसा लेता था इसके अलावा संतोष कुमार सिंह अपने आप को पीएचडी भी बताता है। मामले का खुलासा होने के बाद संतोष कुमार सिंह जो फर्जी विद्यालय संचालित करता था वह फरार है ।और एसटीएफ उसके घर पर लगातार छापामारी कर रही है।
जिले के चांदा कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कोथराकला निवासी संतोष कुमार सिंह पुत्र अवधेश प्रताप सिंह लगभग 20 वर्ष से कुल तीन विद्यालय सिर्फ कागज पर चलाता रहा, इन वर्षों में कई बार इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों को की गई परंतु किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। बाद में मामला उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ पहुंचा । इस प्रकरण में रिट याचिका संख्या 18923 (एम0एस0)/2018 श्री लालजी शिक्षण संस्थान बनाम उ0प्र0 सरकार एवं रिट याचिका संख्या1887/(एम0बी0)पी0आई0एल0/2020, राजकुमार बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य में न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में मुख्य राजस्व अधिकारी, सुलतानपुर की अध्यक्षता में प्रकरण की जॉच के लिए वरिष्ठ कोषाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी व तहसीलदार सदर सुलतानपुर की पॉच सदस्यीय समिति गठित की गयी समिति द्वारा स्थलीय निरीक्षण तथा उभयपक्षों की सुनवाई के पश्चात अपनी आख्या 08 जुलाई 2020 प्रस्तुत की गयी है। इसके अनुसार खुलासा हुआ है कि लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय कोथरा कला, लालजी शिक्षण संस्थान उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कला एवं रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां की मान्यता गलत तथ्यों को दिखाकर शिक्षा विभाग से प्राप्त की गयी है।गाटा संख्या-95 में कभी भी कोई शिक्षा सम्बन्धी कार्य नहीं हुआ और न ही कभी वहाँ कोई विद्यालय स्थापित था। इसी प्रकार गाटा संख्या 442 में रामरती सिंह बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, कोथरा कलां कभी गतिमान नहीं रहा और न ही लालजी शिक्षण संस्थान प्राथमिक विद्यालय कोथरा कलां गाटा संख्या 444 में संचालित रहा।
वर्तमान में गाटा संख्या 444 एवं गाटा संख्या 442 के आंशिक भाग पर लालजी सिंह महाविद्यालय का भवन स्थापित है, परंतु अन्य तीनों विद्यालयों लालजी सिंह शिक्षण संस्थान, लालजी सिंह उच्च प्राथमिक विद्यालय और रामरती बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय के भवन का कहीं पर भी कोई अता पता नहीं है। ऐसे में जब विद्यालय का भवन ही स्थापित नहीं था, तो इन विद्यालयों पर खर्च हुई विधायक/सांसद निधि का मु0 32.70 लाख रूपये का दुरूपयोग हुआ। इन फर्जी शिक्षण संस्थानों में जो छात्रवृत्ति विभिन्न विभागों द्वारा वितरित की गयी, वह भी सत्यापित नहीं हो पायी और उसका भी दुरूपयोग हुआ है।

करोड़ों के घोटाले का है मामला

तीनो विद्यालयों के नाम पर 100% फ़र्ज़ी काल्पनिक बैंक खाते बनाकर कथित प्रबंधक संतोष ने भारत सरकार से प्राप्त अल्पसंख्यक विभाग द्वारा लगभग 1 करोड़ और भवन मेंटीनेंस के नाम पर अल्पसंख्यक विभाग द्वारा ही 25 लाख ,और समाज कल्याण विभाग द्वारा छात्रबृत्ति लगभग 80 लाख से अधिक ,मतलब अकेले अल्पसंख्यक और समाज कल्याण विभाग से ही कुल 2 करोड़ से अधिक की धनराशि प्राप्त की है।
डी0एम0 ने सभी विभागों जिनमे भ्रष्टाचार और गबन हुआ है को आदेशित भी किया है कि सभी अपने अपने विभाग का अलग अलग मुकदमा कोतवाली में लिखाएं, इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी सुल्तानपुर द्वारा भले ही एफआईआर दर्ज कराई गई हो परंतु आज तक वसूली की कार्रवाई नहीं की गई है।


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