मध्यप्रदेश:शिव-ज्योति की मुलाकात से सुलझेगे मसले
देवदत्त दुबे।
उप चुनाव के बाद माना जा रहा था की मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा कम से कम दो मंत्रियों गोविंद राजपूत और तुलसी सिलावट की शपथ तो तुरंत हो ही जाएगी।लेकिन ऐसा किस कारण से नहीं हो पाया इस मुलाकात के बाद माना जा रहा है तमाम प्रकार की गुत्थी सुलझ जाएगी।
दरअसल प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा के चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान के लिए उपचुनाव इम्यूनिटी बढ़ाने वाले चुनाव सिद्ध हुए अब पार्टी को 107 से बढ़कर 126 विधायकों का समर्थन हासिल हो गया है। इसके अलावा निर्दलीय बसपा और सपा विधायक भी सत्तारूढ़ दल भाजपा के साथ है।
समय से पहले भाजपा की प्रदेश में सरकार बनवाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब एक बार फिर अपने समर्थकों को उनका वाजिब हक दिलाने बेताब है। उनकी पहली प्राथमिकता हमेशा राइट लेफ्ट की तरह काम करने वाले गोविंद राजपूत और तुलसी सिलावट को मंत्री पद की शपथ दिलाने की है और इसके बाद जो मंत्री उनके उप चुनाव हार गए हैं उन्हें किसी निगम मंडल में एडजेस्ट कराने की है।
बहरहाल पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लगभग पौने घंटे की मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है जिसमें वे तमाम मसले सुलझाएं जाएंगे जिन पर पिछले एक पखवाड़े से कयासों का दौर चल रहा है।
पार्टी में वैसे तो इस बात पर कोई आपत्ति भी नहीं है कि जिन लोगों के कारण प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है उन्हें पर्याप्त सम्मान और अवसर दिया जाए 28 विधानसभा सीटों में प्रचार के दौरान भाजपा नेता अपने कार्यकर्ताओं से एक ही बात कहते थे की सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के कारण पार्टी सरकार में आई है।
इस कारण इन सब का चुनाव जीतना बहुत जरूरी है। और जनता ने कार्यकर्ताओं ने अधिकांश सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को जीत भी दिला दी अब नेताओं की बारी है की वे कितने नेताओं को कहां कहां एडजेस्ट कर पाते हैं। सिंधिया समर्थक दो मंत्री इमरती देवी और गिरिराज दंडोतिया चुनाव हार गए हैं। ऐसे में इनकी जगह दो और सिंधिया समर्थक मंत्री बनाए जाएंगे या फिर इन हारे हुए मंत्रियों को किसी निगम मंडल में अध्यक्ष बनाया जाएगा। चर्चा इसके अलावा कितने सिंधिया समर्थकों को संगठन में पदाधिकारी बनाया जाएगा इन सब बातों पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात के बाद सहमति बनने की संभावना है।
यदि मंत्रिमंडल विस्तार और प्रदेश कार्यकारिणी के गठन में विलंब दिखाई देगा तो फिलहाल सिंधिया की पूरी कोशिश अपने दो कट्टर समर्थकों गोविंद राजपूत और तुलसी सिलावट को मंत्री पद की शपथ दिलाने की रहेगी, जिन्होंने की समय सीमा पूरी हो जाने के कारण मंत्री पद से इस्तीफा दिया था और इसके लिए जरूरी शर्त विधायक होने की थी जो उपचुनाव में दोनों ही हासिल कर चुके हैं।
कुल मिलाकर सिंधिया समर्थकों के भाजपा में आ जाने से भाजपा जहां सरकार में आ गई वहीं उपचुनाव में 19 सीटें जीतने के साथ ही भाजपा ने बहुमत की इम्यूनिटी भी हासिल कर ली है। अब महत्वपूर्ण फैसलों की बारी है और जिसके लिए आज की बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उपचुनाव से भाजपा ने बहुमत की इम्युनिटी हासिल की ।