भारत ने शरणार्थियों से नागरिकता के मांगे आवेदन

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नई दिल्ली, 29 मई । केंद्र सरकार ने भारत में शरणार्थियों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख,बौद्ध,जैन पारसी, ईसाई लोगों को भारतीय नागरिकता देने जा रही है। इन देशों से आये इन धर्म के लोगों से भारतीय नागरिकता पाने के लिए आवेदन करने को कहा गया है।  ये शरणार्थी गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हैं। अब सरकार के इस कदम से ये भारत के हो जायेंगे। अब यह भी भारत की उस हर योजना के पात्र होंगे जो भारत के लोगों के लिए निकलती है। अब भारतीय सुविधा का लाभ यह भी उठा सकेंगे। सरकार इन देशों से आये इन धर्मों के शरणार्थियों के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) भी ला चुकी है। इसे वर्ष 2019 में लागू किया जा चुका है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का जमकर विरोध हुआ था। सीएए को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। सरकार का कहना है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोग अल्पसंख्यक हैं। इन देशों में इनका उत्पीड़न होता है। लिहाजा, भारत में पांच साल पूरा कर चुके इन शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। इससे पहले भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए 11 साल की शर्त थी।


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