झारखंड में जीरो कट बिजली हाथी के दांत साबित हो रहे हैं : संजय पोद्दार

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डाॅ अजय ओझा।

राज्य सरकार और बिजली बोर्ड के लापरवाही के कारण आज राज्य की दुर्दशा हुई है।

विगत 2 सालों में बिजली के क्षेत्र में कोई काम नहीं किया गया है जिस का परिणाम सामने है।

रांची, 28 अप्रैल
राज्य में भीष्म गर्मी ने राज में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सरकार के सारे वादे जीरो कट बिजली की आपूर्ति हाथी के दांत जैसा साबित हुआ।
अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश सचिव संजय पोद्दार ने कहा पूर्व की रघुवर दास सरकार के समय बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की जितनी भी योजना बनाई गई थी वर्तमान की सरकार ने उन सारी योजनाओं को पेंडिंग में डाल दिया ज्ञात हो की रघुवर दास के सरकार के पूर्व झारखंड में मात्र 35 सब स्टेशन और पावर ग्रिड थे रघुवर दास के पांच साल के शासन में 105 पावर ग्रिड, सब स्टेशन का अभूतपूर्व निर्माण हुआ, वर्तमान की सरकार में अभी तक एक मेगा वाट बिजली उत्पादन पर काम नहीं किया गया है, एक भी पावर प्लांट की स्थापना नहीं हो पाई है। पतरातु में NTPC द्वारा बनाए जा रहे पावर प्लांट से उत्पादन का डेट लाइन भी फेल हो गया सरकार और विभाग की लापरवाही के कारण यह टलता जा रहा है। यही नहीं देवघर और तिलैया में बनने वाला पावर प्लांट पर भी ग्रहण लगा हुआ है पावर सेक्टर में जितने भी MOU हुए हैं सभी को सरकार ने लटका के रखा है जो MOU हुए भी है तो उस कंपनियों को कोयले का खदान मिला ही नहीं और जीनेह मिला भी है तो उस खदान से कोयला का खनन शुरू नहीं हो पाया है। राज्य में अभी भी तीन अल्ट्रा मेगावाट पावर प्लांट के निर्माण में पेच फंसा हुआ है कुल मिलाकर ऊर्जा के क्षेत्र में देखेंगे तो राज्य सरकार और ऊर्जा विभाग की घोर लापरवाही के कारण आज राज्य की जनता बिजली के लिए तरस रही है। पूर्व की सरकार की सारी योजनाओं को अगर सही तरीके से क्रियावन किया जाता तो आज झारखंड बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होता सरकार को इस पर गंभीरता पूर्वक मंथन कर राज्य की जनता को इससे निजात दिलाने में अपनी भूमिका का निर्वाहन करना चाहिए


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