Women Empowering पर Virtual Workshop का हुआ आयोजन

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डॉ अजय ओझा।

आर्थिक स्वावलंबन से महिलाओं में आएगी निर्णय लेने की क्षमता : सचिव, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग।

रांची, 5 नवंबर । जब एक महिला को उसके परिवार में निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिलेगी, तभी सही मायने में महिला सशक्तिकरण होगा। और इसके लिए आवश्यक है कि महिलाओं को पारिवारिक सम्पत्ति में हक मिलना चाहिए, ताकि वे वित्तीय रूप से भी सशक्त हों। उक्त बातें कृपानन्द झा, सचिव, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने Women Empowering “ under the overarching theme of ‘Viksit Bharat – Reaching the Last Mile पर Virtual Workshop को संबोधित करते हुए कही।

बता दें कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, झारखण्ड सरकार के सहयोग से आज Women Empowering “ under the overarching theme of ‘Viksit Bharat – Reaching the Last Mile पर Virtual Workshop का आयोजन किया गया।

Virtual Workshop में महिला सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं यथा Women Empowering – Economic Empowerment, Creating enabling ecosystem for safety and Implementation of social legal provision for empowerment पर राज्य स्तर की कार्ययोजना बनाने पर विस्तृत चर्चा की गयी।

तकनीकी सत्र में Sapling IVF Centre के प्रबंध निदेशक डाॅ मिनाल सिंह ने कहा कि जब कोई महिला अपना उद्यम शुरू करती हैं, तो उनको वित्तीय व सामाजिक चुनौतियों का सामाना करना पड़ता है। इसके लिये उन्हें परिवार द्वारा प्रोत्साहन देना चाहिए एवं सहायता करनी चाहिए।

प्रीति श्रीवस्तव, बाल सुरक्षा विशेषज्ञ, यूनिसेफ द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण एवं Evosystem के बारे में बताया, जिसमें उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण के लिये सबसे पहले परिवार, समाज को आगे आना चाहिए एवं उसके लिये नीति बननी चाहिए। उन्हें अपने आप को सुरक्षित महसूस करना पड़ेगा साथ ही सुरक्षित रहना भी पड़ेगा।

वहीं ज्योति वर्मा, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक,तेजस्विनी परियोजना द्वारा जानकारी दी गयी कि तेजस्विनी परियोजना अन्तर्गत किशोरियों एवं युवतियों को सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हेतु जीवन कौशल शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शर्म की अवधारणा से स्वच्छता की ओर तेजस्विनी क्लब की किशोरियाँ एवं युवतियाँ आगे बढ़ रही हैं, जिसके फलस्वरूप विभिन्न तेजस्विनी क्लबों में पैड बैंक की स्थापना की जा चुकी है। इससे समाज की महिलायें भी लाभान्वित हो रही हैं।

कार्याशाला के समापन पर श्रीमती राजेश्वरी बी, महानिदेशक, राज्य पोषण मिशन झारखण्ड सरकार ने कार्याशाला के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुये कहा कि आज मनरेगा में महिलाओं की सहभागिता बढ़ रही है। यह महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की सहभागिता बढ़ी है, जिसके चलते कई महिला मुखिया बनी हैं। अब ग्राम सभा में भी महिलाओं की सहभागिता बढ़ाना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि समेकित बाल कल्याण संस्थान द्वारा बालिकाओं की सुरक्षा एवं उनके बचाव के लिये कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

इस अवसर पर श्रीमती अर्चना मेहता, उप सचिव, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी, राज्य के सभी जिलों के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी , विभागीय पदाधिकारी, सभी सहायक निदेशक, यूनिसेफ, springdals school, नीति न्याय के सहयोगी एवं समाज कल्याण, तेजस्विनी परियोजनान्तर्गत राज्य एवं जिला इकाई के कर्मी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सामुदायिक सेवा प्रदाता एवं महिला सशक्तिकरण में कार्य कर रहे प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।


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