करगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र द्वारा

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डॉ अजय ओझा।

रांची, 27 जुलाई । करगिल दिवस पर मंगलवार को जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र ने भारत-पाकिस्तान युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अशोकनगर में मंच की हुई बैठक में संस्था के संयोजक मनोज सिंह ने करगिल युद्ध की पृष्ठभूमि, भारतीय सैनिकों के शौर्य और हताहतों के विषय में सविस्तार प्रकाश डालते हुए बताया कि यह दिन हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। यह भारत की जबर्दस्त विजय का दिन है, जब करगिल पर जबर्दस्ती घुस आये पाकिस्तान को हमारे सैनिकों ने धूल चटा दी थी।

अपने विचार रखते हुए —- शाहदेव ने कहा कि सांप्रदायिकता के आधार पर जम्मू कश्मीर का विभाजन अभी तक भारत का नासूर बना हुआ है। करगिल पर पाकिस्तान का आक्रमण इसी का परिणाम था। डाॅ रवि भट्ट ने कहा कि कश्मीर समस्या का नरेंद्र मोदी सरकार ने सर्वोत्तम उपाय निकालते हुए धारा 370 हटा दी लेकिन समस्याएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। पूरे देश को मिलजुलकर उससे निपटना है। रमाकांत महतो ने कहा कि करगिल का युद्ध पाकिस्तान ने हम पर थोप दिया था लेकिन उसको हमारे वीर सैनिकों ने खूब सबक सिखाया। दीपेश निराला ने धारा 370 हटाकर नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर को पूरे भारत के लिए खोल दिया। अब हर किसी को जागरूकता के साथ वहां शांति बहाली में मदद करनी है साथ ही संपूर्ण देशवासियों के लिए शारदा पीठ तक पहुंच सुनिश्चित हो ऐसी कामना की। अजय तिवारी ने कई दौर की अपनी कश्मीर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां आर्थिक संतुलन बहाल करने पर जोर दिया। श्री —जैन ने कहा कि पाकिस्तान हो कि चीन अभी तक भारत रक्षात्मक युद्ध करता रहा है लेकिन हमें आक्रामकता दिखानी चाहिए। कैप्टन देवाशीष ने कहा कि संस्कृति की सीमाएं जब बंटती हैं तो राष्ट्र प्रभावित होता है। भारत पर हुए अबतक के आक्रमण यही साबित कर रहे हैं। ऐसे में सांस्कृतिक एकता आवश्यक है।
श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए मंच के राज्य अध्यक्ष अयोध्यानाथ मिश्र ने पूर्व की अपनी कश्मीर यात्रा का अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमारी केंद्र सरकार ने करगिल युद्ध के समय भी रणनीतिक, कूटनीतिक मजबूती का परिचय दिया था। वर्तमान सरकार भी पूरी तरह सचेष्ट है। अब कोई पाकिस्तान वैसा दुस्साहस नहीं कर सकता। कश्मीर की वर्तमान समस्याओं के प्रति हमें जागरूकता फैलाने के लिए तत्पर रहना चाहिए। अंत में उपस्थित सदस्यों ने एक मिनट का मौन धारण कर करगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

बैठक में मंच के विस्तार की भी चर्चा हुई और प्रमंडल स्तर पर लोगों को जोड़ने की बात हुई।


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