ट्रेन इंजन चालकों ने बचाई 13 हाथियों की जान

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बेनी माधव सिंह।

अनिल कुमार विद्यार्थी एवम रजनीकांत चौबे ने बचाई 13 हाथियों के झुंड की जान।

लातेहार जिले के हेहेगाडा एवं छिपादोहर रेलवे लाइन के बीच हाथियों का झुंड पार कर रहा था रेलवे ट्रैक।

पलामू टाइगर रिजर्व के छिपादोहर एवं है हेहेगाडाके बीच हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था इतने में शक्तिपुंज के लोको पायलट अनिल कुमार विद्यार्थी को हाथियों का झुंड नजर आ गया। श्री विद्यार्थी ने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया जिससे बड़े पैमाने पर जंगली हाथियों का जीवन बच गया ।जहां पर झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था वहा 500 मीटर सीधा रेलवे ट्रैकहै । इसलिये लोको पायलट को झुंड दिखाई पड़ गया ।यह रेलवे लाइन पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के अंदर है ।जहां अक्सर रेलवे ट्रैक पार करते समय वन्य जीव चपेट में आकर मृत्यु का शिकार हो जाया करते हैं। कोर एरिया पार करते हुए लोको पायलट को जंगली जानवरों एवं हाथियों पर नजर रखने तथा कोर एरिया मे ट्रेन की गति नियंत्रित रखने हिदायत रहती है । ट्रेन की 50 कि मी /घंटे रखने का प्रावधान किया गया है किलोमीटर प्रति घंटा की रखने की हिदायत है ।परंतु इसका चालक अम्ल नहीं करते हैं। यह रेलवे लाइन पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद डिवीजन में पड़ता है। डाउन लाइन से पार करते हुए 11447 डाउन शक्तिपुंज एक्सप्रेस लोको पायलट अनिल कुमार विद्यार्थी एवं सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट रजनीकांत चौबे को पोल संख्या 246/10 के पास रेलवे ट्रैक पार करते हाथियो को देख लिया तथा तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया, तथा हाथियों के झुंड को सुरक्षित बच निकलने दिया ।रजनीकांत चौबे ने बताया कि आज मुझे बहुत खुशी और गर्व हो रहा है कि मैंने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया और हाथियों को कटने से बचा दिया। रेलवे के लोको पायलटों के इस पहल को पलामू के ऐसी सी एफ रामसूरत प्रसाद ने काफी सराहना की है। रामसूरत प्रसाद इन दिनों पलामू प्रमंडल पदाधिकारी मेदिनीनगर के प्रभार में हैं। पलामू के प्रभारी डीएफओ सौमित्र कुमार शुक्ला इन दिनों देहरादून में प्रशिक्षण लेने गए हैं। लौटने पर वन विभाग पलामू ने दोनों लोको पायलटों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है ।वन जीव विशेषज्ञ डॉक्टर श्रीवास्तव ने कहा है कि इस क्षेत्र में हाथी ,हिरन, बाईसन ,नीलगाय आदि का झुंड बराबर रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से सैकड़ों मूक वन्य जीवो की अकाल मृत्यु को प्राप्त होते रहते हैं। यदि रेलवे के चालाक तथा लोको पायलट यदि सावधानी बरतें तो वन्य जीवों को हादसा से बचाया जा सकता है।इन रेल कर्मियो की सतर्कता एवम सूझ बुझ को इन्होने काफी सराहनीय प्रयास कहा है।


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