स्वामी श्रद्धानंद व्यक्तित्व व कृतित्व” पर गोष्ठी सम्पन्न

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डॉ अजय ओझा।

स्वामी श्रद्धानन्द जी ने घर वापिसी का मार्ग प्रशस्त किया -आर्य रविदेव गुप्ता।

स्वामी श्रद्धानन्द वीरता की मिसाल थे-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य।

बुधवार 22 दिसम्बर। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “स्वामी श्रद्धानन्द व्यक्तित्व व कृतित्व” पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया । यह कॅरोना काल में 331 वा वेबिनार था। उल्लेखनीय है कि 23 दिसम्बर 1926 को दिल्ली के नया बाजार में उनका एक धर्मान्ध द्वारा गोली मारने से उनका बलिदान हो गया था ।

वैदिक विद्वान आर्य रविदेव गुप्ता ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द जी ने हिन्दू धर्म मे पुनः घर वापिसी का मार्ग प्रशस्त किया । अभी तक जो धर्म परिवर्तन कर अधर्मी बन जाते थे उनका वापिसी का कोई मार्ग नहीं था । उन्होंने कहा कि यज्ञ कर शुद्धि करण द्वारा वापसी सुनिश्चित की । हिंदू समाज में छुआ छूत का रोग व्यापत था स्वामी जी ने समानता का संदेश दिया यद्यपि उनका विरोध भी हुआ लेकिन वह झुके नहीं । शुद्धिकरण अभियान के लिए भारतीय शुद्धि सभा की स्थापना की ।विश्व प्रसिद्ध गुरूकुल कांगडी की स्थापना कर अपनी भाषा व संस्कृति की रक्षा का प्रसार किया । कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति के विरोध में त्यागपत्र देकर दलितोद्धार का पुनीत कार्य किया और इसी के लिए अपनी जान देदी । आज स्वामी जी से प्रेरणा लेकर शुद्धि करण के अभियान को चलाने की आवश्यकता है जो लोग किसी भय या लालच से विधर्मी हो गए हैं उन्हें वापिस हिन्दू धर्म में दीक्षित किया जाए ।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द जी वीरता का अनुपम उदाहरण थे जब रोलेट एक्ट के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया तो उन्होंने दिल्ली के चाँदनी चौक घंटाघर पर जलूस का नेतृत्व करते हुए अंग्रेजी संगीनों के आगे सीना तानकर कहा कि लो खड़ा हूँ गोली चलाओ । दिल्ली के जामा मस्जिद के मिम्बर पर वेद मंत्रों के पाठ के साथ संदेश देने वाले पहले गैर हिन्दू थे । अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद कांग्रेस का अधिवेशन सफल बनाने वाले स्वामी श्रद्धा नन्द ही थे । जालन्धर में पहला कन्या महाविद्यालय खोलने वाले स्वामी जी ही थे । महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि से सम्मानित करने वाले श्रद्धा नन्द ही थे ।
मुख्य अतिथि आर्य नेता सुरेन्द्र शास्त्री व अध्यक्ष अमीरचंद रखेजा ने कहा कि आज फिर स्वामी श्रद्धानन्द जी जैसे वीर की आवश्यकता है जो हिन्दू समाज का नेतृत्व कर सके ।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि यदि शुद्धि अभियान तीव्र गति से चलता रहता तो आज अलगाव वाद की समस्या ही न होती । उन्होंने सार्वदेशिक आर्य वीर दल के राष्ट्रीय महामंत्री वेदप्रकाश आर्य के आकस्मिक निधन पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।

गायक रविन्द्र गुप्ता, दीप्ति सपरा,रजनी गर्ग,प्रवीना ठक्कर, डॉ. रचना चावला, रचना वर्मा, राजेश मेहंदीरत्ता, पुष्पा शास्त्री, प्रतिभा कटारिया, जनक अरोड़ा, ईश्वर देवी,रेणु घई आदि ने मधुर भजन प्रस्तुत किये ।


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