राज्य का सत्ताधारी परिवार और भ्रष्टाचार एक दूसरे का पर्याय है : बाबुलाल मरांडी

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डॉ अजय ओझा।

जब कोई ब्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त होगा तो जांच एजेंसी उसके पीछे पड़ेगी ही।

रांची, 10 नवंबर । जो परिवार सिर्फ पैसे के लिए राजनीति करता है, जो परिवार पैसे के लिए पार्टी बनाती है वैसे राजनीतिक पार्टियों को झारखंड से हटाना है तभी जाकर झारखंड एक विकसित राज्य बन सकता है। आज झारखण्ड में जिन दलों का शासन है वे तीनों ही दल एक पारिवारिक पार्टी है इसलिए आज झारखंड के कोने कोने में भ्रस्टाचार ही भ्रस्टाचार है। ये बातें भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी आज गिरिडीह जिला के पीरटांड़ प्रखंड में आयोजित आक्रोश प्रदर्शन सभा को सम्बोधित करते हुए कही।

श्री मरांडी ने कहा कि आज राज्य में सरकार के संरक्षण में कोयला,बालू,पत्थर सहित अन्य खनिज पदार्थो की लूट मची हुई है। राज्य का बालू,कोयला,पत्थर अवैध खनन करके बाहर के राज्यो में भेजा जा रहा है। मैने कई बार पत्र लिखकर,सोशल मीडिया के माध्यम से तथा प्रेस के माध्यम से आगाह करते रहा लेकिन कभी मेरी बातों में विश्वास नही किये। अगर वे विश्वास कर लेते तो आज उनके साथ ये घटनाएं घटित नहीं होती। आज जब केंद्रीय जांच एजेंसी भ्रस भ्रष्टाचार की जांच कर रही है तो उन्हें परेशानी हो रही है। दोष देते हैं कि भाजपा मेरे पीछे पड़ी है। आज हेमन्त सोरेन जी के साथ जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए पूरी तरह से हेमन्त सोरेन स्वयं जिम्मेदार है।

भाजपा की सरकार बनते ही प्रखंड के अधिकारी प्रमाण पत्र घर जाकर बनाएंगे

श्री मरांडी ने प्रखंड में ब्याप्त भ्रष्टाचार पर बोलते हुए कहा कि आज प्रखंड कार्यालयों में बिना पैसे के कोई भी काम नहीं होता है। जन्म प्रमाण पत्र हो या मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना हर चीज का रेट फिक्स है प्रखंड कार्यालय में। जिस दिन राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी उस दिन से प्रखंड के अधिकारी आपके घर जाकर आपके जरूरत का प्रमाण पत्र बनाकर आएंगे। लोगों को ब्लॉक का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

भाजपा की देन है अलग झारखण्ड राज्य

श्री मरांडी ने कहा कि झामुमो कहती है कि हमने लड़कर झारखंड अलग राज्य बनाया है। लेकिन सच यह है कि ये लोग झारखण्ड आंदोलन को बेचने का काम किये हैं। लेकिन जैसे ही केंद्र में भाजपा की सरकार बनी, अटल बिहारी बाजपेयी जी ने झारखंड के लोगों के सपने को पूरा करने का निर्णय लिया और 15 नवम्बर 2000 को धरती आबा बिरसा मुंडा जी की जयंती को यादगार बनाने हेतु उसी दिन अलग राज्य का निर्माण की घोषणा की । जब भाजपा की सरकार मेरी नेतृत्व में झारखंड में बनी मैंने खतियान के आधार पर नियुक्तियों में प्राथमिकता मिले इसका प्रावधान किया। लेकिन हाई कोर्ट में यह मामला चला गया। और उस नीति को ही खारिज कर दी गया। आज हेमन्त सोरेन भी 1932 की बात कर रहे हैं लेकिन आदलत ने किन कारणों से मेरे समय की स्थानीय नीति को खारिज किया था उन बिंदुओं का समाधान किये बिना ही उसे लागू करने की बात कह रहे हैं जो सम्भव नहीं है। वास्तव में राज्य की सरकार 1932 लागू करना ही नहीं चाहती है, सिर्फ लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है।

पिछले तीन साल से राज्य में विकास का काम ठप्प है

श्री मरांडी ने राज्य सरकार पर विकास के कार्यों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज राज्य में हेमन्त सोरेन की सरकार 2019 से है लेकिन इन तीन सालों में विकास के काम ठप्प हैं। राज्य को केंद्र सरकार की जितनी भी कल्याणकारी योजनाएं मिलती हैं राज्य सरकार उसपर लापरवाही बरतती है। श्री मरांडी ने आक्रोश प्रदर्शन में शामिल जनता से आह्वान करते हुए कहा कि हेमन्त सोरेन को हटाना है और झारखंड को बचाना है । अतः आप सब यहां से यह संकल्प लेकर अपने अपने घरों को जाएं।

इधर प्रदेश कार्यालय में मीडिया ब्रीफिंग करते हुए प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने बताया कि आज 19 जिलों के 31प्रखंडों में आक्रोश प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित हुए। जिसमे लगभग 35000से,ज्यादा लोग शामिल हुए।

सिन्हा ने बताया कि गिरिडीह जिला के पीर टार प्रखंड में नेता विधायकदाल एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने नेतृत्व किया।हजारीबाग चौपारण में , पाला जोरी में पूर्व मंत्री रणधीर सिंह ने, साहेबगंज में विधायक अनंत ओझा ने, सरिया में विधायक नागेंद्र महतो ने, टुंडी में विधायक ढुल्लू महतो ने, नवडीहा बाजार प्रखंड में विधायक पुष्पा देवी ने, सोनुआ में प्रवक्ता कुणाल षड़ंगी ने , चक्रधरपुर में प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा ने। अन्य स्थानों पर भी प्रदेश के नेता एवम कार्यकर्ताओं के साथ हजारों कार्यकर्ता, जनता आक्रोश प्रदर्शन में शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि आक्रोश प्रदर्शन में जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है। गांव गांव में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध की लहर है। आम जनता हेमंत सरकार से ऊब चुकी है।


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