शुआट्स एलुमनी एसोसिएशन ने कृषि इंजीनियरिंग पुराछात्रों का मिलन समारोह आयोजित किया

Share:

नैनी, प्रयागराज। शुआट्स एलुमनी एसोसिएशन के अपने डायमण्ड जुबली समारोह के अन्तर्गत वर्ष 1976 व 1978 बैच के कृषि इंजीनियरिंग पुरा छात्रों के लिए विश्वविद्यालय परिसर में एक मिलन समारोह का आयोजन किया। देश के विभिन्न प्रान्तों से आए पुराछात्रों ने कृषि इंजीनियरिंग विभाग, पुस्तकालय आदि का भ्रमण किया और दशकों पुरानी अपनी यादों को ताजा किया।

बता दें कि शुआट्स का एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज भारतवर्ष का पहला और विश्व का चौथा कॉलेज है जहां कृषि अभियांत्रिकी की डिग्री प्रारम्भ हुई। इसी इंजीनियरिंग कॉलेज के विशेषज्ञों और वैज्ञाकिों ने मिट्टी पलटने वाले यंत्र का पहली बार निर्माण किया जो किसानों के लिये वरदान साबित हुआ।

एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं शुआट्स प्रति कुलपति (प्रशासन) प्रो. (डॉ.) एस.बी. लाल ने कहा कि शुआट्स ने दुनिया भर में कृषि और कृषि इंजीनियरिंग और संबद्ध शाखाओं के क्षेत्र में सेवा कर रहे प्रतिष्ठित व्यक्तियों को तैयार कर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि एलुमनी एसोसिएशन की शुरुआत एक संघ के रूप में वर्ष 1946 में हुई थी, जब डॉ. ए. दयाल चंद के अध्यक्ष के नेतृत्व में पहली कार्यकारी समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने वर्ष 1946 में प्रथम पुराछात्र बुलेटिन जारी किया। तब से हमें एक समृद्ध विरासत पर गर्व है जिसने हमारे मातृ संस्था के साथ एकजुटता और जुड़ाव के अर्थ को प्रतिपादित किया है। समारोह के दौरान विभिन्न राज्यों से आये पुरछात्रों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया एवं स्मारिका का विमोचन व वितरण किया गया।

कार्यक्रम के संयोजक यू0पी0 कृषि विभाग के सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर ई. डी एन शुक्ला ने कहा कि शुआट्स, कृषि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान है। उन्होंने इस संस्था में अध्ययन के दौरान अपने अनुभव साझा किए। लखनऊ के डॉ. डी.एन. जोशी ने यह भी साझा किया कि अपने अध्ययन के दौरान उन्होंने कृषि इंजीनियरिंग की विभिन्न तकनीकों को सीखा जिसने उन्हें सफल बनाया। डॉ. संजय कुमार सामंतराय (उड़ीसा), प्रो. प्रणब कुमार रॉय (कोलकाता), प्रो. एस.एन. यादव (बिहार), डॉ एम रघु बाबू, डॉ वीरेंद्र नाथ पांडे, प्रो रंजीत सिंह, डॉ प्रतीक रंजन चौरसिया, ईएस नदीम उद्दीन, डॉ जगत नारायण प्रजापति आदि ने भी अपनी यादें साझा कीं। शुआट्स के पुराछात्र मेरठ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. (डा.) के.के. सिंह किसी जरूरी कार्य के कारण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके।

एलुमनी एसोसिएशन के महासचिव प्रो. (डॉ.) डी.एम. डेनिस ने पुराछात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उपाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) आरिफ ए. ब्रॉडवे ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए. प्रो. (डॉ.) मो. गुफरान और प्रो. (डॉ.) जहांआरा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। डा. एल.वी.के. शर्मा, डा. डी.बी. सिंह, प्रो.डा. ए.के.ए. लॉरेन्स आदि उपस्थित रहे।


Share: