टोंक जिला रसद अधिकारी की एफआईआर पर राजस्थान उच्च न्यायालय की रोक

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दिनेश शर्मा “अधिकारी”।
जयपुर । राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बिरेंद्र कुमार ने टोंक के जिला रसद अधिकारी द्वारा कोतवाली टोंक थाना में दर्ज मुकदमे में रोक का आदेश पारित किया।

एफआईआर के संक्षिप्त तथ्यों के अनुसार गौरव सेल्स एजेंसी को मीड डे मील योजना के तहत पौषाहार का परिवहन व वितरण करने का टेंडर मिला था। एजेंसी के विपुल महाजन ने आवंटन सूची के अनुसार पोषाहार का वितरण नहीं किया। इन तथ्यों के आधार पर धारा 403 भादंसं व 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ।

प्रार्थीयों के अधिवक्ताओं मोहित बलवदा व भावना चौधरी का तर्क था कि ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी द्वारा आवंटन सूची समय पर उपलब्ध नहीं कराई जाने के कारण वितरण केंद्रों की ज़रूरत के अनुसार पौषाहार वितरित किया गया। वितरण किए गए पौषाहार की रसीदें विभाग को उपलब्ध कराई गईं। इस प्रकार प्रार्थी गण ने कोई अपराध कारित नहीं किया है।

बलवदा का तर्क था कि खाद्य सामग्री शिघ्र खराब होती है अतः पौषाहार को समयबद्ध केंद्रों पर वितरित किया गया।

मोहित बलवदा का तर्क था कि समय समय पर प्रार्थी द्वारा विभाग से आवंटन सूची उपलब्ध करवाने हेतु मौखिक व लिखित अनुरोध किया था। अतः उन्होंने कोई अपराध कारित नहीं किया है।

बलवदा व चौधरी के तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने प्रार्थी गण की गिरफ्तारी पर रोक का आदेश पारित किया।


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