प्रयागराज हंडिया के बरौत में बढ़ रहा ड्रग्स का कहर
पुलिस की वसूली कर रही है दाद में खाज का काम
के.पी. वर्मा
प्रयागराज । तेजी के साथ बढ़ते ड्रग्स के मामलों पर गौर करें तो साफ दिखाई दे रहा है, कि ड्रग्स माफिया ने बरौत कस्बे को नशे की खाई में पूरी तरह धकेलने की ठान ली है। आलम यह है कि ड्रग्स का जानलेवा धंधा पुलिस की नाक के नीचे दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। पुलिस तस्करों की धरपकड़ के बाद नशे के कारोबार के पूरे नेटवर्क को डाउन करने की बजाए कभी-कभार ड्रग्स तस्करों के खिलाफ छापेमारी कर खानापूर्ति कर रही है। कहीं शिकायत के बावजूद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है।
आपको बता दें कि देश भर में नशे के काले कारोबार में लगे गिरोहबाजों का जाल किस हद तक फैल चुका है और ये किस-किस तरह से अपने कारोबार को अंजाम दे रहे हैं ।इसका अंदाजा हडिया थाना क्षेत्र के बरौत कस्बे में हो रहे ड्रग्स के कारोबार से लगाया जा सकता है जहां पुलिस अंकुश लगाने के बजाय सुविधा शुल्क वसूलते हैं । पुलिस की वसूली दाद में खाज का काम कर रही है । नशे के सौदागर शातिराना तरीके से काम कर रहे हैं । अभी तक यहां नशे के कारोबार का जो रूप उभर कर सामने आया है, वह इससे भिन्न है।
वस्तुतः ड्रग्स की समस्या एक ऐसी समस्या है, जिसे सिर्फ कानून बनाकर नहीं निपटा जा सकता है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसके निवारण के लिए विधिक प्रयासों के साथ-साथ पारिवारिक एवं सामाजिक स्तर पर भी प्रयासों की जरुरत है। ड्रग्स की समस्या के निवारण में समाज की भी भूमिका निर्णायक हो सकती है। समाज के जिम्मेदार लोगों का यह दायित्व बनता है ।
‘ड्रग्स फ्री इंडिया’ के स्वप्न को साकार करने के लिए आज समग्र प्रयासों की आवश्यकता है। व्यक्ति को स्वयं, उसके परिवार, यार दोस्तों, समाज, सरकार और कानून सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा।
भारत को ड्रग्स मुक्त देश बनाएं – केवला प्रसाद वर्मा
किसी भी व्यक्ति को नशे की लत से बाहर लाना असंभव नही है। यह थोड़ा मुश्किल जरुर है। यदि समग्र प्रयास किए जाएं तो यह काम आसान हो सकता है। उक्त बातें पी. बी. दीक्षा फाउंडेशन के महासचिव रमाकांत त्रिपाठी ने कहा उन्होंने बताया कि हमारे समक्ष ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिनसे पता चलता है, कि व्यसनी नशे की लत से बाहर आए और उन्होंने एक अच्छा नागरिक बन कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया। यकीनन एक मजबूत भारत के लिए एक आवश्यक है। कि हम भारत को ड्रग्स मुक्त देश बनाएं। यह पहल शुरु भी हो चुकी है। नई सुबह करीब है।