न्यूज़ उन्नाव:चेचक है संक्रामक, सावधानी बरतें और बीमारी से बचें

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जतिन कुमार चतुर्वेदी

विगत कुछ सप्ताह से उन्नाव के विभिन्न क्षेत्रों में चेचक से संक्रमित कई मरीज मिले हैं।स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन क्षेत्रों में भ्रमण कर दवा वितरित की गयी है और लोगों को संक्रमण से बचाव के बारे में भी जागरूक किया गया है।यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सत्यप्रकाश ने दी।उन्होंने बताया कि इस संबंध में लोगों को इस बात की जानकारी होनी बहुत जरूरी है कि चेचक संक्रामक बीमारी है और यह वैरिसेला वायरस के द्वारा द्वारा होती है।इसमें संक्रमित व्यक्ति को बुखार के साथ शरीर पर पानी भरे हुए दाने पड़ने लगते है । मरीज के द्वारा छींकने और खाँसने से नाक व मुंह से निकलने वाली छोटी छोटी बूंदे तथा दानों से निकलने वाले पानी में प्रचुर मात्रा में वायरल लोड होता है। इन बूंदों और पानी के संपर्क में कोई भी वस्तु या व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। स्वयं कोई भी इलाज न करें।स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक कोई दिखाएं और उसकी सलाह पर ही दवा खाएं।

जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डा. अंकिता ने बताया कि चेचक के संक्रमण को सीमित करने के लिए बुखार आने से लेकर दाने पड़ने के एक हफ्ते तक मरीज दूरी बनाकर रखें | साफ-सफाई पर विशेष रूप से ध्यान दें | प्रतिदिन कपड़े तथा मरीज द्वारा प्रयोग की गई चादर को धुलकर धूप में अवश्य सुखाएं । संक्रमित वस्तुओं को ग्लव्स पहन कर ही छुएं, उसके बाद हाथों को भी साबुन या सैनिटाइजर से अवश्य साफ करें।
संक्रमण होने पर हल्के भोजन, साफ पानी, ओआरएस तथा पेय पदार्थ का सेवन अधिक मात्रा में करें जिससे किसी प्रकार से शरीर में निर्जलीकरण की स्थिति न होने पाए।
दो साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों, लंबे समय से बीमार व्यक्तियों तथा गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। किसी कारण भी मरीज की स्थिति बिगड़ने पर तुरंत निकटतम स्वस्थ्य केंद्र से संपर्क करे, जरूरत पड़ने पर 108 एंबुलेंस का भी प्रयोग कर सकते हैं।


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