खबर रायबरेली:परिवार नियोजन कार्यक्रम में सबको शामिल होना चाहिए: सतीश सिंह

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जतिन कुमार चतुर्वेदी

सास-बहू-बेटा सम्मेलन का हुआ आयोजन।
परिवार नियोजन के साधनों की उपयोगिता बढ़ाने के लिए शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य उपकेंद्रों एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सास-बहू-बेटा सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। छोटा परिवार रहे और जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहें, इस मूल मंत्र को जन- जन तक पहुंचाने के एवं परिवार नियोजन कार्यक्रमों को गति देने के लिए यह आयोजन किए जा रहे हैं। इन सम्मेलनों के माध्यम से लोगों को छोटे परिवार के लाभ बताए जा रहे हैं। इसी क्रम में सीएचसी लालगंज के सराय बैरिहा खेड़ा।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तहत क्षेत्र की मैदेमउ ग्राम सभा के पंचायत भवन पर सास-बहू-बेटा सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए ग्राम प्रधान सतीश सिंह ने कहा कि छोटे परिवार से ही हम सभी सुखी और सम्पन्न रह सकते है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम में सबको बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। जिससे हमारा परिवार सुखी रहे। सम्मेलन में

एकवर्ष के नव विवाहित दंपति, एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम वाली गर्भवती,
परिवार नियोजन का कोई साधन न अपनाने वाले दंपति, तीन या उससे ज्यादा बच्चों वाले दंपति, ऐसे आदर्श दंपति जिनका पहला बच्चा विवाह के दो वर्ष बाद हुआ हो, दूसरे बच्चे में कम से कम तीन वर्ष का अंतराल रखने वाले दंपति ने
प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के दौरान इन आदर्श दंपति ने अपने अनुभव साझा
किये। इस मौके पर गुब्बारा खेल का भी आयोजन किया गया। खेल के दौरान
कई दंपति को गुब्बारों को एक साथ हवा में उछाल कर सभी गुब्बारों को वापस पकड़ने के लिए कहा जाता है। सभी गुब्बारों को वापस एक साथ पकड़ना लोगों के लिए मुश्किल होता है। इससे लोगों को यह संदेश दिया जाता है कि परिवार की संख्या अधिक होने पर हम सभी की देखभाल ठीक से नहीं कर सकते। इसलिए छोटा परिवार ही सुख का आधार है।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सराय बैरिहा खेड़ा की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) चंचल सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम में सास-बहू और बेटा के मध्य समन्वय और संवाद के माध्यम से परिवार नियोजन को लेकर बेहतर माहौल बनाना है जिससे वह प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति अपनी अवधारणाओं, व्यवहार एवं विश्वास में बदलाव ला सकें। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश मामलों में देखा गया है कि परिवार नियोजन को लेकर पुरुष का निर्णय सर्वोपरि होता है। इसलिए इस आयोजन में पुरुष की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए बेटे का प्रतिभाग करना आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान नव विवाहित दंपति को शगुन किट भेंट की गईं। इसके अलावा आदर्श सास-बहू और बेटा को पुरस्कृत कर सम्मानित भी किया गया।
इनसेट —
क्या कहते हैं प्रतिभागी —
इस कार्यक्रम में आई सास सुमित्रा देवी का कहना है कि छोटा परिवार, सुखी
परिवार होता है। मैं अपने बेटे और बहू के निर्णय में उनके साथ हूं। मुझे कोई
आपत्ति नहीं है कि मेरी बहू ने परिवार नियोजन साधन को अपनाया है। बेटे
मंदीप कुमार का कहना है कि हम दो, हमारे दो की तर्ज पर हमारा परिवार पूरा हो गया है। मैं और मेरी पत्नी आपसी सहमति से यह निर्णय लिया है कि अब हमें अपना परिवार नहीं बढ़ाना है। बहू सोनी बताती है कि मेरी शादी को आठ साल
पूरे हो गए हैं। मेरी पांच साल की बेटी और डेढ़ साल का बेटा है। मैंने परिवार
नियोजन के लिए पीपी आईयूसीडी को अपनाया है।


इनसेट —
इनकी रही मौजूदगी —
कार्यक्रम में सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजेश गौतम, बीसीपीएम दिलीप शर्मा,
एएनएम रश्मि, स्वास्थ्य कार्यकर्ता अतुल, योगेन्द्र सिंह, विक्की राठौर, आशा संगिनी सुशीला, आशा कार्यकर्ता रेनू सिंह, मधुलता सिंह, आरती तिवारी, गुड्डी देवी, सुनीता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राजेश सिंह, गीता यादव, माया सिंह,
सुमित्रा आदि मौजूद रहे।


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