न्यूज़ रायबरेली:विद्यार्थियों को टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की दी गई जानकारी

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जतिन कुमार चतुर्वेदी


राना बेनी माधव सिंह स्मारक इंटर कॉलेज में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम।राष्ट्रीय क्षय(टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम(एनटीईपी) के तहत जगतपुर ब्लॉक के राना बेनी माधव सिंह स्मारक इंटर कॉलेज शंकरपुर, में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अनुपम सिंह के निर्देशन टीबी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य सत्येंद्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को साल 2025 तक क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य रखा है | हम सभी इस लक्ष्य को पूरा करने में उनके साथ हैं | विद्यार्थियों को टीबी के बारे में संवेदीकृत करने से वह टीबी उन्मूलन अभियान में अपना योगदान देंगे।

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि देश को टीबी मुक्त करने के लिए समुदाय के हर वर्ग को टीबी के बारे में संवेदीकरण करना बहुत जरूरी है तभी हम वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त कर पाएंगे | उन्होंने विद्यार्थियों को टीबी के मुख्य लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी, खांसी के साथ खून का आना, भूख न लगना वजन घटना एवं बुखार होना, शाम को पसीना आना, टीबी के लक्षण है | यदि किसी भी व्यक्ति में उपरोक्त लक्षण हों तो नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर तुरंत जांच कराएं | स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और इलाज उपलब्ध है | गंभीर टीबी मरीजों की जांच के लिए जनपद में आठ ट्रूनॉट मशीन, दो सीबीनॉट तथा एक डिजिटल एक्सरे मशीन है। इसी क्रम में सरकार द्वारा क्षय रोगियों को इलाज के दौरान नि:क्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये उनके खाते में भेजे जाते हैं। इसके साथ ही निक्षय मित्रों द्वारा क्षय रोगियों को पोषणात्मक और भावनात्मक सहयोग देने के लिए गोद लिया जा रहा है।
वरिष्ठ उपचार पर्वेक्षक विवेक कुमार ने बताया कि जब भी कोई टीबी का मरीज छींके या खांसे तो मुंह को ढँक ले । टीबी संक्रमित व्यक्ति के खाँसने पर टीबी के बैक्टीरिया उसके मुंह से निकलकर अन्य स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। टीबी के मरीज को दवाओं का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए। यदि मरीज बीच में दवाओं का सेवन छोड़ता है तो मरीज उन दवाओं का प्रतिरोधक बन जाता है जिससे दवाएं कार्य नहीं करती हैं और वह एमडीआर मरीज बन जाता है।
ड्रग रेसिस्टेंट कार्यक्रम प्रबंधन(पीएमडीटी) के समन्वयक अतुल कुमार ने बताया एमडीआर मरीज का विभाग में पूर्ण इलाज उपलब्ध है। एमडीआर मरीज को डरने की जरूरत नहीं है मरीजों के उपचार के लिए जिले में डीआर टी बी सेंटर जिला पुरुष चिकित्सालय में उपलब्ध है।
उक्त कार्यक्रम में डॉ कविश कुमार, अमिताभ दुबे, सर्वेश कुमार, विवेक कुमार, अध्यापक, विद्यार्थी, विद्यालय के कर्मचारी और सीफार के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


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