खबर प्रतापगढ़:वृक्ष जीवन है : डॉ रश्मि शुक्ला

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जतिन कुमार चतुर्वेदी

प्रयागराज सामाजिक सेवा एवं शोध संस्थान ने सावन कजरी उत्सव मनाया।मुख्य अतिथि श्रीमती प्रियंका मिश्रा आबकारी अधिकारी ने कहा कि हमारे जीवन में पेड़ अतिआवश्यक है। प्राकृतिक चीजों का उपयोग हम तभी कर सकते हैं। जब हम प्रकृति का संरक्षण करें। वृक्ष लगाएं ,वृक्ष मानव , पशु तथा पंक्षी को अनवरत देते रहते हैं इसलिए हमें भी प्रकृति का संरक्षण करना है और पेड़ लगाना है। एक व्यक्ति एक पेड़ लगाएं जिससे कि पर्यावरण हरा भरा हो जाए।पेड़ लगाइए और उसको जीवित भी रखिए। अपने बच्चों को वृक्ष का महत्व बताएं और उनके द्वारा भी वृक्ष लगाइए।सामाजिक सेवा एवं शोध संस्थान की अध्यक्षा डॉ रश्मि शुक्ला ने ने कहा इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर सावन मास के इस उत्सव का आनंद ले रहें हैं। यही हमारी भारतीय एकता है।भारतीय संस्कृति सबको मिल जुलकर रहना सिखाती है।लोक संगीत के माध्यम से सावन कजरी के महत्व को बताया कितने प्रकार की कजरी होती है और यह क्यों गाई जाती है कब गाई जाती है उसका विस्तार से वर्णन किया।जब हम लोकसंगीत से जुड़ते हैं तो वहां के समाज की भाषा समाज के विचार और समाज से अपनापन बनाते हैं।हरा रंग हरी धरती हरियाली का है।इसलिए हरा वस्त्र सावन में क्यों पहनना चाहिए इसको भी प्रमुखता से बताया।सोलह श्रृंगार का क्या महत्व है।रिश्तो का पशु का समाज का संस्कृति का सब का वर्णन कजरी में होता है यह विधा बहुत ही भावपूर्ण है। सब रसो से युक्त कजरी होती है। सावन में हम रिश्तो का पशु,पक्षी का,हरी-भरी प्रकृति,शिव जी,कृष्ण जी, राष्ट्रीय पर्व आदि अनेक पर्व मनाते हैं।इस कार्यक्रम के अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया में रहकर शोभा जी ने ऑनलाइन के माध्यम से सबको सावन गीत सुनाया। महिलाओं ने स्वनिर्मित पकवान से आनंद उठाया और ढोलक की थाप पर नृत्य किया बच्चों ने बहुत बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। जब बाजार जाएंगे तो कपड़े से निर्मित थैलों को लेकर साथ में जाएंगे यह संकल्प सभी ने किया कि हम प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का उपयोग न करने का प्रयास करेंगे। मोंटू,रचना,अन्नपूर्णा,विद्या,डॉली,शकीला,सबीना,सिंपल,सुमन,मोंटू,इंदिरा नीतू,शालू,छाया,ज्योति, नीलिमा अनूपमा,नीलू, नीरजा,श्रुति,सोनम,विनीता,आदि अनेक महिलाओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी,कृतिका,शेल्वी आदि अनेक बच्चों ने सावन के गीत पर प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। नीलिमा ने सावन पर्व की बधाई दी उत्तम कार्यक्रम के लिए सबको धन्यवाद दिया पुनः मिलने की कामना की। अगले कार्यक्रम सावन मिलन समारोह की रूपरेखा बनाकर कार्यक्रम का समापन हुआ। ऑस्ट्रेलिया में रहकर कजरी गाकर शोभा जी ने इस कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय बना दिया।


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