खबर लखनऊ :पत्रकार एकता संघ हमेशा पत्रकारो के लिए संघर्षरत रहा है, और आगे भी पत्रकारों के न्याय हित के लिए संघर्ष करता रहेगा–राष्ट्रीय अध्यक्ष के. डी सिंह

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जतिन कुअंर चतुर्वेदी


सन् 2016 से रजिस्टर्ड पत्रकार एकता संघ जो कि आज सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र मुम्बई, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों में कार्य कर रहा है और अभी तक सैकड़ों पत्रकारों को इस संघ के द्वारा न्याय दिलाने का कार्य किया गया आगे भी प्रयास जारी रहेगा।यह एक ऐसा संगठन है जिसमें अभी तक लगभग 150 आई एस ,आईपीएस ,पीपीएस और 200 थानाध्यक्षो सहित वन विभाग,शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सम्मानित करने का कार्य कर चुका है।संघ के पदाधिकारियों द्वारा 4 लाख पौधों का वृक्षारोपण किया गया, वृद्धावस्था आश्रम में सहयोग,जाड़ों में गरीब असहाय लोगों को कम्बल वितरण जैसे अनेकों कार्य संघ के समस्त पदाधिकारी मिलकर करने का कार्य करते रहते हैं।

इस लिए आज पत्रकार एकता संघ की अपनी स्वयं की पहचान बना चुका है।पीड़ित पत्रकारों की बात करें तो जैसे ही पत्रकार उत्पीड़न का मामला संज्ञान में आया है संघ के समस्त जिम्मेदार पदाधिकारी पूरी सक्रियता से लगकर न्याय दिलाने का कार्य करतें हैं जौनपुर, सुल्तानपुर, गोरखपुर, प्रतापगढ़ जैसे जनपदों में बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया कहते है,पहचान पद से नहीं कार्य करने से होती है। संगठन के कार्य की बात करें तो प्रत्येक माह कम से कम 15 से 20 कार्यक्रम होते रहते हैं संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष का एक ही संदेश है कि स्वच्छ निष्पक्ष पत्रकारिता करें इसकी छवि को धूमिल करने का कार्य कदापि न करें 4 स्तंभो में चौथा स्तंभ पत्रकारों का है इसकी गरिमा को बनाकर रखें क्यों कि आप एक कलमकार देश के सिपाही है आपकी लेख के प्रत्येक बिंदु का बहुत बड़ा महत्व है, संगठित रहेंगे तो हर जगह सफलता मिलेगी और असंगठित होंगे तो न्याय की उम्मीद न करें क्यों कि अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता है पर जब एकता की शक्ति होती है तो आप स्वयं ही शक्तिशाली हो जाते हैं इस लिए संगठित रहें एक रहें, अब सवाल इस बात का उठता है कि सरकार किसी की भी रही हो पर पत्रकारो के लिए आज तक क्या किया गया है किसी प्रकार की सहायता, पेंशन, टूलटैक्स छूट , रोडवेज छूट,आवास योजना , चिकित्सा व्यवस्था इनमें से कौन सी सुविधा का लाभ पत्रकारों को अभी तक मिला है जबकि सबसे ज्यादा परिश्रम त्याग ग्रामीण क्षेत्रों क़स्बों के पत्रकार करतें हैं फिर भी उनका उत्पीड़न किया जाता है और जब इसकी जानकारी अधिकारी को दी जाती है तो मुकदमा तक लिखाने में भी काफी प्रयास किया जाता है तब कहीं हल्की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाता है ,इस लिए समस्त पत्रकार साथी जागरूक रहकर एकता बनाए रखने में सहयोग करें ताकि संघ आप सभी का और भी आगे सहयोग कर सके।


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