खबर हरदोई:फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार जरूर करें फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन

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जतिन कुमार चतुर्वेदी

10 से 28 अगस्त तक घर- घर जाकर लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा।

स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही खिलाएंगे दवा।

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराने के लिए 10 से 28 अगस्त तक सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत लोगों को आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेन्डाजोल (आईडीए) खिलाई जाएगी |
इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है और अगर किसी को हो गई तो यह ठीक नहीं होती है और व्यक्ति को आजीवन दिव्यांगता के साथ जीना पड़ता है | केवल इस बीमारी का प्रबंधन ही किया जा सकता है | इस बीमारी से बचाव का एकमात्र जरिया फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करना है | कोई भी इस दवा के सेवन से छूटा न रह जाए |10 अगस्त से लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी | शत प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को दवा का सेवन कराना है |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएंगी । दवा खाली पेट नहीं खानी है। दवा खाने के बाद किसी-किसी को जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आना, सिर दर्द, खुजली की शिकायत हो सकती है, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सभी को दवा अपने सामने खिलाएं | कोई भी कितना भी बहाना क्यों न बनाये लेकिन उसे बाद में दवा खाने के लिए न दें | इस बात को सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति खाली पेट न खाए | एक साल से कम आयु के बच्चे, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को छोड़कर सभी को दवा खानी है | एक से दो साल की आयु के बच्चे को एल्बेन्डाजोल की आधी गोली खिलाई जाएगी |
फाइलेरिया को हाथी पाँव भी कहते हैं यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है इसका कोई इलाज नहीं है | आप लोगों को मच्छरजनित परिस्थितियां उत्पन्न न करने के लिए भी जागरूक करें |


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